शनिवार 12 अप्रैल 2025 - 06:35
मिसवाक करने का महत्व

हौज़ा/ पैग़म्बर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में मिसवाक का उपयोग करने के महत्व का वर्णन किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "ख़ेसाल" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال رسول اللہ صلی الله علیه وآله:

رَكْعَتَيْنِ بِسِواكٍ اَحَبُّ اِلَى اللّه مِنْ سَبْعينَ رَكْعَةً بِغَيْرِ سِواكٍ.

रसूल अल्लाह (स) ने फ़रमाया:

मिस्वाक के साथ पढ़ी गई दो रकअत नमाज़ अल्लाह के नज़दीक बिना मिस्वाक के पढ़ी गई सत्तर रकअत नमाज़ से बेहतर है।

ख़ेसाल, पेज 481, हदीस 52

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