۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
نوافل

हौज़ा / शुक्रवार को ज़ुहर और अस्र की सोलह रकात में चार रकत नफल का इज़ाफ़ा होता हैं। और बेहतर यह है कि ज़वाल से पहले पूरी की पूरी बीस रकअत पढ़ी जाए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

पांचो वक्त की नमाजों की नवाफिल:

फज्र की नमाज़: फज्र की नमाज़ से पहले दो रकात नमाज़ पढ़ना मुस्तहब है

ज़ुहर की नमाज़: ज़ुहर की नमाज़ से पहले आठ रकत नमाज़ पढ़ने की सलाह दी जाती है, जिसे फज्र की नमाज़ की तरह दो-दो करके पढ़ा जाना चाहिए।

अस्र की नमाज़: अस्र की नमाज़ से पहले आठ रकत की नमाज़ पढ़ने की सलाह दी जाती है, जिसे फज्र की तरह दो-दो करके पढ़ा जाना चाहिए।

मगरिब की नमाज़: मगरिब की नमाज़ के बाद दो दो रकत करके चार रकत नमाज़ पढ़ने की सलाह दी जाती है।

ईशा की नमाज़: यह एक मुस्तहब नमाज़ है जो ईशा के बाद पढ़ी जाती है, क्योंकि एहतियाते वाजिब की बिना पर ईशा की दो रकअत नफ्ल बैठकर पढ़ी जानी चाहिए, इसलिए यह एक रकअत गिनी जाती है।

शुक्रवार को नफिल की 16 रकअत में चार रकत नफल का इज़ाफ़ा होता हैं। और बेहतर यह है कि ज़वाल से पहले पूरी बीस रकअतें पढ़ी जाएं।

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