हौजा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक हाफिज नईम-उर-रहमान ने ईरान समेत अन्य मुस्लिम देशों के प्रमुखों को भी अलग-अलग पत्र भेजे हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि हम फिलिस्तीन के मुद्दे पर इस्लामी दुनिया के शासकों से संयुक्त प्रयास चाहते हैं, ताकि ग़ज़्ज़ा के लोगों की मदद की जा सके और इजरायलियों के अत्याचारों को रोका जा सके।
अपने पत्र में उन्होंने 20 अप्रैल को "ग़ज़्ज़ा एकजुटता दिवस" के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा तथा इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्य देशों की आपातकालीन बैठक बुलाने का आह्वान किया। उनका कहना है कि ग़ज़्ज़ा में मौजूदा स्थिति मानवीय त्रासदी की सभी सीमाओं को पार कर चुकी है और वहां की भयावह स्थितियां मुस्लिम समुदाय के लिए असहनीय हो गई हैं।
पत्र में हाफिज नईम-उर-रहमान ने आगे लिखा: "मैं आपको ऐसे समय में लिख रहा हूं जब ग़ज़ज़ा में विनाशकारी मानवीय संकट चल रहा है। विनाश और मानवीय पीड़ा की भयावहता तत्काल और एकजुट वैश्विक कार्रवाई की मांग करती है।"
इतिहास इस बात का साक्षी है कि होलोकॉस्ट, बोस्नियाई नरसंहार और कोसोवो संघर्ष जैसे गंभीर मानवीय संकटों में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने मानव सम्मान और न्याय की रक्षा के लिए कदम उठाए। आज ग़ज़्ज़ा में जो कुछ हो रहा है वह नरसंहार से कम नहीं है।
महिलाओं और बच्चों सहित निर्दोष नागरिकों की अंधाधुंध हत्या की जा रही है। "अस्पतालों, स्कूलों और आश्रय स्थलों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।"
जमात-ए-इस्लामी अमीर ने आगे लिखा: "पाकिस्तान के लोगों की ओर से, हम आपकी सरकार और सभी मुस्लिम बहुल देशों से इस दैनिक नरसंहार को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने का आह्वान करते हैं।"
आपकी टिप्पणी