हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान के उपराष्ट्रपति और परमाणु ऊर्जा संस्था के प्रमुख मुहम्मद इसलामी ने अंतर्राष्ट्रीय क़ानून परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के डाइरक्टर जनरल राफ़ाइल गरूसी को भेजे गए पत्र मे इज़रायली हमलो पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस्लामी गणराज्य ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु ठिकानो पर इज़रायल के वहशीयाना और मुसलसल हमले, अंतर्राष्ट्रीय क़ानून का खुला उल्लंघन है।
उनहोने यह पत्र 13 जून 2025 को भेजे गए अपने पिछले पत्र (नवम्बर 30/30) और उससे पहले भी विभिन्न याद दहानीयो के तसलसुल मे लिखा, जिसमे कहा गया है कि उन हमलो के बावजूद एजेंसी और विशेष कर उसका गवर्निंग बोर्ड जो दुर्भाग्य से अमेरिका, तीन यूरोपीय देशो और इज़रायल के दबाव मे है कोई प्रभावी कार्रवाई नही कर रहा है।
मुहम्मद इस्लामी ने कहा कि नत्नज़ और फ़रदू मे यूरेनीयम की अफज़ूदगी के केंद्रो, इस्फहान मे यूसीएफ फैक्ट्री सहित कई दूसरे शांतिपूर्ण और एजेंसी की देखरेख मे मौजूद केंद्रो पर भी अतिक्रमण किया जा चुका है। आज सुबह (बृहस्पतिवार, 29 जून 2025) इज़ारायल ने खंदाब (अराक) मे मौजूद भारी पानी की तहक़ीक़ी रीएकटर और उससे मिले हुए कॉमपलैक्स को भी अतिक्रमण का निशाना बनाया।
उन्होने आगे कहा कि यह हमले जनीवा कनवेंशन, अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल से संबंधित, एजेसी के दस्तूर, संयुक्त राष्ट्र संघ की वैज्ञानिक कमैटी (UNSCEAR) के अंतर्गत, एनपीटी समझौता, ईरान और एजेंसी के बीच जामे हिफ़ाज़ती समझौता (INFCIRC/214), गर्विनिग बोर्ड के दस्तावेज़ो और एजेंसी की रक्षा मापदंडो सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय क़ानून का खुला उल्लंघन है।
मुहम्मद इस्लामी ने पत्र के अंत मे ज़ोर दिया कि एजेंसी तत्काल रूप से अपनी खामोशी समाप्त करे और इज़रयल के इन ग़ैर कानूनी कार्रवाई की खुल कर निंदा करे। उन्होने स्पष्ट किया कि इस्लामी गणराज्य ईरान अपनी हाकेमीयत, जनता और परमाणु धरोहर की रक्षा के लिए सभी क़ानूनी कार्रवाई का अधिकार सुरक्षइित रखता है, और एजेंसी की लापरवाही की सूरत मे संबंधित क़ानूनी चारा जूई भी की जाएगी।
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