हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,अलजज़ीरा के अनुसार, नॉर्वे के प्रधानमंत्री योनास गार स्टोरे ने कहा कि दुनिया इज़राइल की ओर से आपात मानवीय मदद को ग़ाज़ा में जाने से रोकने को सहन नहीं कर सकती उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग ग़ाज़ा में मौत से बच भी जाते हैं, वे एक गहरे मानवीय संकट के बीच ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं।
ऑक्सफैम की नीति निर्माण निदेशक बुशरा खलीली ने अलजज़ीरा से बातचीत में कहा कि लगातार बमबारी और लोगों को ज़बरन बेदखल करने की कार्रवाइयों ने ग़ाज़ा में मानवीय संकट को और भी भयावह बना दिया है। उन्होंने बताया कि वहां के बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार हैं और बड़ी संख्या में अपनी जान गंवा रहे हैं।
ऑक्सफैम ने ग़ाज़ा में तत्काल और स्थायी युद्धविराम की मांग की है और साथ ही मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए सभी रास्तों को पूरी तरह खोलने का आह्वान किया है।
अमजद शुआ जो ग़ाज़ा की ग़ैर-सरकारी संगठनों की नेटवर्क के प्रमुख हैं, उन्होंने चेतावनी दी है कि यह क्षेत्र गंभीर अकाल के चरण में प्रवेश कर चुका है, खासकर उस स्थिति में जब इज़राइल ने सभी रास्तों को बंद कर रखा है, जिससे खाद्य सामग्री और मानवीय सहायता की भारी कमी हो गई है।
उन्होंने आगे बताया कि ग़ाज़ा में जीवन और स्वास्थ्य की स्थिति खतरनाक रूप से बिगड़ चुकी है। दो मिलियन से अधिक फ़लस्तीनी खाद्य और जल संकट से जूझ रहे हैं, और अस्पतालों में दवा और चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी के चलते घायल और बीमार लोगों की देखभाल मुमकिन नहीं हो पा रही है।
शुआ के अनुसार, रास्तों के बंद होने के कारण ज़्यादातर मानवीय संगठनों और चैरिटी किचनों की गतिविधियाँ ठप हो गई हैं, जिससे हज़ारों परिवार बुनियादी जीवन यापन से वंचित हैं और ग़ाज़ा में व्यापक अकाल का खतरा और बढ़ गया है।
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