शनिवार 17 मई 2025 - 17:07
इस्राईली ज़ुल्म पर चुप्पी एक अपराध है। क़ालीबाफ़

हौज़ा / ईरानी संसद के स्पीकर मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने कहा है कि ग़ाज़ा में हो रहे अमानवीय अपराध साम्राज्यवादी सोच की उपज हैं और इन पर खामोशी अख़्तियार करना एक ऐसा गुनाह है जिसे माफ़ नहीं किया जा सकता।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,ईरानी संसद के स्पीकर मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने कहा है कि ग़ाज़ा में हो रहे अमानवीय अपराध साम्राज्यवादी सोच की उपज हैं और इन पर खामोशी अख़्तियार करना एक ऐसा गुनाह है जिसे माफ़ नहीं किया जा सकता।

मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ इन दिनों इंडोनेशिया के दौरे पर हैं, जहां वे इस्लामी पार्लियामेंटरी यूनियन की 19वीं अंतरराष्ट्रीय बैठक में भाग ले रहे हैं।

जकार्ता की शरीफ हिदायत यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार, ज़ुल्म और साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं बल्कि मानवता की पुकार है।

साम्राज्यवादी शक्तियाँ न तो किसी विशेष समय तक सीमित हैं और न ही किसी क्षेत्र तक यह एक वैश्विक ख़तरा है जो समय के साथ अपना रूप बदलता है, लेकिन मुसलमानों की ज़िम्मेदारी हमेशा स्थिर रहती है।

उन्होंने वर्तमान समय में फ़िलस्तीन विशेष रूप से ग़ाज़ा में चल रहे अत्याचारों को मानवता का संकट बताया और कहा,ये त्रासदियाँ हर आज़ाद ख़्याल इंसान के ज़मीर को झकझोर देती हैं ग़ाज़ा में जारी बर्बर हमले और गंभीर मानव संकट मुस्लिम जगत से एकजुट, साहसी और स्पष्ट प्रतिक्रिया की माँग करते हैं, ताकि फ़िलस्तीनी जनता की आज़ादी और न्याय की लड़ाई को समर्थन मिल सके।

क़ालीबाफ़ ने ज़ोर देकर कहा,इन अत्याचारों पर चुप रहना ज़ालिमों का साथ देने जैसा है। यह इस्लामी और मानवीय मूल्यों से ग़द्दारी है, और कोई भी इस्लामी देश इस चुप्पी का बोझ नहीं उठा सकता।

उन्होंने शहीद मुतहरी को याद करते हुए कहा कि उनका सच्चाई भरा पैग़ाम और इस्राईली सरकार के अपराधों को उजागर करने वाली आवाज़ आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक है।

क़ालीबाफ़ ने आगे कहा,इन अत्याचारों के पीछे काम कर रही शक्तियों को पहचानना ज़रूरी है। फ़िलस्तीन की त्रासदी के पीछे वैश्विक साम्राज्यवाद, विशेष रूप से अमेरिका की नीतियाँ और समर्थन हैं अमेरिका की बिना शर्त मदद ने इस्राईल को बेख़ौफ़ बना दिया है, जो अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और मानव मूल्यों का खुला उल्लंघन है।

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