हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मकारिमुल अख्लाक़" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ عليه وآله
خَیرُ الرِّجالِ مَن اُمَّتِی اَلَّذِینَ لایَتطاوَلُونَ عَلی أهلِیهِم وَ یحنُونَ عَلَیهِم وَ لا یَظلِمُونَهُم
हज़रत रसूल अल्लाह (स) ने फ़रमाया:
मेरी उम्मत के सबसे बेहतरीन लोग वे हैं जो अपने घरवालों के लिए बद अख्लाक और घमंडी न हों, बल्कि उन पर मेहरबान रहें और उन पर ज़ुल्म न करें।
मकारिम अख्लाक,पेज 216
आपकी टिप्पणी