हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलआमाली तूसी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
اِعْلَمى اَنَّ الشّابَّ الْحَسَنَ الْخُلُقِ مِفْتاحٌ لِلْخَيْرِ ، مِغْلاقٌ لِلشَّرِّ وَ اِنَّالشّابَّ الشَّحيحَ الْخُلُقِ مِغْلاقٌ لِلْخَيْرِ مِفْتاحٌ لِلشَّرِّ
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जान लोग की खुश अख्लाक नौजवान नेकियों का दरवाजा खोलने और बुराइयों का ताला है जबकि बद अख्लाक नौजवान नेकियों की राह रोकने और बुराइयों को खोलने वाला है।
अलआमाली तूसी,पेज 30