हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , बासिज संगठन के प्रमुख सरदार गुलामरजा सुलेमानी ने 12 दिनों के थोपे गए युद्ध के शहीदों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में दुश्मनों की गलत भविष्यवाणियों का जिक्र करते हुए कहा,उन्हें लगता था कि सैन्य हमलों के साथ ही ईरान के लोग सड़कों पर उतरकर व्यवस्था के खिलाफ हो जाएंगे।
यह न सिर्फ गलत, बल्कि मूर्खतापूर्ण आकलन था जिसने हमारी मातृभूमि पर आक्रमण का रास्ता साफ किया।
सुलेमानी ने कहा कि दुश्मनों के तीन मुख्य लक्ष्य थे, ईरानी व्यवस्था को गिराना,ईरान का विखंडन करना,देश के परमाणु ढांचे को नष्ट करना,लेकिन ईरानी जनता ने दिखा दिया कि वह ऐसी धमकियों का कैसे जवाब देती है।
उन्होंने कहा,ईरान की जनता ने इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के नेतृत्व में मैदान में उतरकर एक सामरिक जीत हासिल की। इस जीत के असली ध्वजवाहक शहीद हैं और कमांडर-इन-चीफ इस सफलता के सृजक हैं लेकिन जनता के बिना यह जीत संभव नहीं थी।
सुलेमानी ने जोर देकर कहा कि युद्ध के पहले ही दिनों में ईरानी जनता ने अपनी मौजूदगी से दुश्मन को हरा दिया। दुश्मन की योजना 10 दिनों में तीन चरणों में अपने मंसूबे पूरे करने की थी, लेकिन ईरानी जनता ने हजारों साल के इतिहास में अद्वितीय एकता का परिचय देते हुए निर्णायक सामरिक जीत दर्ज की।
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