हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अहवाज़ में जुमआ की नमाज़ के दौरान हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद मोहम्मद नबी मुसवी फ़रद ने हज़रत इमाम हुसैन अ.स की शहादत की याद में चल रहे ग़म के दिनों पर ताज़ियत पेश की और हालिया ईरानी जीत पर राष्ट्र को मुबारकबाद दी।
उन्होंने हालिया घटनाओं पर बात करते हुए कहा कि यह सिर्फ़ ईरान और इस्राईल के बीच की लड़ाई नहीं थी, बल्कि यह एक पूरा युद्ध था ईरान और वैश्विक साम्राज्यवादी ताक़तों के बीच, जिसमें अमेरिका और कुछ पश्चिमी देश इस्राईल के समर्थन में शामिल थे।
मुसवी फ़रद ने कहा कि ईरान ने सिर्फ़ इस्राईल से नहीं लड़ा, बल्कि उसके सभी समर्थनकर्ताओं से भी लड़ा और शहीदों के खून और रहबर-ए-मुअज़्ज़म (आयतुल्लाह ख़ामेनेई) की रहनुमाई के दम पर ईरान ने इस लड़ाई में इज़्ज़त और ताक़त के साथ जीत हासिल की।
उन्होंने कहा कि दुश्मन के इरादे यह थे,ईरान की मिसाइल ताक़त को कमज़ोर करना,न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर को तबाह करना,जनता को भड़का कर सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन करवाना,लेकिन ये सारे मंसूबे नाकाम रहे।
रहबर-ए-इंकलाब के बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस्राईली हुकूमत अब अपने ज़वाल (पतन) की तरफ बढ़ रही है, और अमेरिका की मदद भी अब इस "बच्चों की क़ातिल" हुकूमत को नहीं बचा सकती।
अंत में उन्होंने कहा कि ईरानी अवाम ही इस निज़ाम की असली ताक़त हैं, और अगर दुश्मन रात-दिन भी इस सरज़मीन पर बमबारी करे, तब भी ईरानी क़ौम की एकता, इज़्ज़त और ग़ैरत बाक़ी रहेगी।
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