शुक्रवार 27 जून 2025 - 17:06
दुश्मनों की दुश्मनी ने ईरानी क़ौम की एकता और राष्ट्रीय एकजुटता को और मज़बूत किया। इमाम ए जुमआ शाहरूद

हौज़ा / शाहरूद के इमाम ए जुमआ ने ज़ोर देकर कहा कि ईरान और इस्राईल के बीच 12 दिन की जंग में ईरानी अवाम को जो यक़ीनी फतह हासिल हुई, वह मुल्क की एकता, समझदारी और बहादुरी से भरी क़ौमी मुक़ाबले का नतीजा थी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम अब्बास अमीनी ने शाहरूद की जुमे की नमाज़ के खुत्बे में कहा कि ईरानी अवाम ने कर्बला से यह सबक लिया है कि ज़ुल्म के सामने कभी सर नहीं झुकाना, और यही जज़्बा 12 दिन की हालिया जंग में ईरान की जीत का सबब बना।

उन्होंने बताया कि दुश्मन यह समझ रहा था कि वो लोगों को सड़कों पर लाकर अपने मंसूबों में कामयाब हो जाएगा, लेकिन ईरानी जनता ने बसीरत (समझदारी), होशियारी और बे-मिसाल एकता से दुश्मन के इस ख़्वाब को चकनाचूर कर दिया।

अब्बास अमीनी ने ज़ोर दिया कि दुश्मन की नादानी भरी दुश्मनी ने दरअसल ईरानी अवाम की एकता और हमदर्दी को और ज़्यादा मज़बूत किया है। इस जंग में असल शिकस्त अमेरिका, इस्राईल और उनके समर्थन करने वालों को हुई है।

उन्होंने कहा कि यह 12 दिन की जंग एक यक़ीनी फतह थी, जो पूरी तरह ईरानी अवाम की है, लेकिन ये जंग अभी खत्म नहीं हुई  संघर्ष सांस्कृतिक, आर्थिक और अन्य क्षेत्रों में अब भी जारी है।

अंत में उन्होंने कहा कि इस्लामी इंकलाब की कामयाबी से लेकर आज तक ईरान ने हर मोर्चे पर दुश्मनों से टक्कर ली है, और इस्लामी समाज की यह कश्ती सिर्फ़ रहबर-ए-मुअज़्ज़म (आयतुल्लाह ख़ामेनेई) की क़ियादत में तूफानों को पार कर सकी और जीत हासिल हुई।

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