शनिवार 19 जुलाई 2025 - 06:21
तरबीयत, बाक़ी रहने वाली विरासत

हौज़ा / "इमाम सादिक़ (अ) ने एक बहुत बहूमूल्य हदीस में बच्चों की अच्छी तालीम-ओ-तरबीयत (संस्कार और शिक्षा) की अहमियत पर ज़ोर दिया है।"

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत अल-काफ़ी पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैः

امام صادق علیه‌السلام:

إنَّ خَیرَ ما وَرَّثَ الآباءُ لِأَبنائِهِم الأَدَبُ لاَ المالُ ؛ فَإِنَّ المالَ یَذهبُ، و الأَدَبَ یَبقی

इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:

माता-पिता अपनी संतान के लिए जो सबसे बेहतरीन विरासत छोड़ सकते हैं, वह अच्छी तालीम और संस्कार है, न कि धन-दौलत। क्योंकि धन तो खत्म हो जाता है, लेकिन तालीम और अच्छे संस्कार हमेशा बाक़ी रहते हैं।

अल काफ़ी, भाग 8, पेज 150, हदीस 132

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