सोमवार 21 जुलाई 2025 - 07:23
शरई अहकाम । नमाज़ मे वाजिब सज्दे वाली आयत सुनने का हुक्म

हौज़ा / आयातुल्लाह खामेनेई ने उन सवालों का जवाब दिया है जो नमाज़ के दौरान वाजिब और मुस्तहब नमाज़ों में सज्दे वाली आयत सुनने पर नमाज़ी की क्या जिम्मेदारी होती है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस्लाम धर्म में, नमाज़ एक महत्वपूर्ण इबादत है, और इसके कई नियम और बारीकियाँ हैं, जिन्हें सही तरीके से पढ़ने के लिए पालन करना ज़रूरी है। इन्हीं में से एक मसला यह है कि अगर नमाज़ के दौरान कोई सज्दे की आयत (ऐसी आयत जिस पर सुनने वाले को सज्दा करना वाजिब हो जाता है) सुन ले, तो ऐसे में क्या करना चाहिए? यह सवाल कई लोगों के मन में आता है। इस संबंध में आयतुल्लाह खामनेई ने सवाल का जवाब दिया है, जिसे हम आपके सामने पेश कर रहे हैं।

* नमाज़ मे वाजिब सज्दे वाली आयत सुनने का हुक्म

सवालः अगर कोई व्यक्ति वाजिब या मुस्तहब नमाज़ पढ़ते समय सज्दे वाली आयत सुन ले, तो उसका क्हुया क्म है? क्या नमाज़ का सज्दा उस वाजिब सज्दे के लिए काफ़ी होगा? 

जवाबः वाजिब नमाज़ में अगर किसी को सज्दे वाली आयत सुनाई दे, तो उसे सज्दा करने का इशारा करना चाहिए और नमाज़ जारी रखनी चाहिए (नमाज़ का सज्दा, उस वाजिब सज्दे के लिए काफ़ी नही है)।

मुस्तहब नमाज़ में अगर सज्दे वाली आयत सुनाई दे, तो वह सामान्य तरीके से सज्दा कर ले और नमाज़ जारी रखे। दोनों ही सूरतो में नमाज़ सही मानी जाएगी।

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