हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक कार्यक्रमों और शोक सभा में, नज़र के रूप में चावल और मांस जैसे खाने-पीने की चीज़ें अज़ादारी करने वालो को दी जाती हैं। लेकिन कभी-कभी चावल की मात्रा ज़रूरत से ज्यादा हो जाती है, जबकि मांस या अन्य जरूरी सामान कम पड़ जाता है। ऐसे हालात में सवाल उठता है कि क्या अतिरिक्त चावल को बेचकर उसकी रकम से मांस या अन्य ज़रूरी चीज़ें खरीदी जा सकती हैं?
* धार्मिक कार्यक्रमो में नज़र के अतिरिक्त चावल का उपयोग
सवाल: कुछ लोग मजलिसो में चावल और मांस नज़र के तौर पर देते है। अगर चावल मांस से ज्यादा हो तो क्या अतिरिक्त चावल को बेचकर मांस या ज़रूरी सामान खरीदा जा सकता है?
जवाब: नज़र और दान उसी मकसद के लिए खर्च होना चाहिए जैसा नज़र करने वाले या दान देने वाले ने सोचा और इरादा किया हो। अगर नज़र करने वाले ने नज़र की शरई औपचारिकता पूरी नहीं की है, तो उसकी अनुमति से नज़र की चीज़ों को बदला जा सकता है या किसी दूसरे काम में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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