हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , गाजा पट्टी में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्रोतों के मुताबिक गाजा के विभिन्न अस्पतालों में हाल के दिनों में भूख से होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी "मआन" ने बताया है कि अब तक भूख और कुपोषण के कारण मरने वालों की कुल संख्या 147 तक पहुंच चुकी है, जिनमें 88 बच्चे शामिल हैं।
इस भयावह स्थिति का मुख्य कारण जायोनी कब्जाधारी सरकार द्वारा गाजा पर लगातार कड़ा घेराबंदी है जिसने मानवीय सहायता के सभी रास्तों को बंद कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की राहत एजेंसी UNRWA ने अपनी हालिया रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि मार्च से जून के बीच पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण की दर दोगुनी हो गई है, जो एक खतरनाक संकेत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने भी गाजा में खाद्य संकट को "अत्यंत गंभीर" बताया है। संगठन के अनुसार, गाजा शहर में हर पांच में से एक बच्चा गंभीर कुपोषण का शिकार है, और अगर सहायता में और देरी हुई तो और जानें जा सकती हैं।
संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव मानवीय मामलों और आपातकालीन राहत समन्वयक, मिस्टर टॉम फ्लेचर ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा,गाजा में हर तीन में से एक व्यक्ति कई दिनों से भूखा है। यहां लोग सिर्फ भोजन पाने की कोशिश में अपनी जान गंवा रहे हैं, और बच्चे भूख से मर रहे हैं।
उन्होंने वैश्विक समुदाय से अपील की कि मानवीय आधार पर तुरंत, बिना रुकावट और सुरक्षित सहायता पहुंचाने की व्यवस्था की जाए उन्होंने कहा कि जो लोग सहायता लेने की कोशिश करते हैं, उन्हें निशाना बनाना अमानवीय है और किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
मिस्टर फ्लेचर ने जोर देकर कहा कि राहत काफिलों को तुरंत गाजा की सीमाओं से गुजरने की अनुमति दी जाए, और भोजन वितरण पर किसी भी हमले या देरी को रोका जाए, क्योंकि हर देरी एक और जान की कीमत पर होती है।
स्पष्ट है कि गाजा इस समय वैश्विक विवेक के लिए एक परीक्षा बन चुका है, जहां मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है, और दुनिया चुपचाप देख रही है।
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