हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह ट्रक ऐसे समय में ग़ाज़ा पहुंचा हैं जब एक अमेरिकी-इज़राइली कैदी की रिहाई के बदले में अस्थायी युद्धविराम की संभावना जताई जा रही है। यह 2 मार्च को इज़राइल द्वारा सभी सीमाई रास्तों को बंद करने के बाद पहली नियमित मानवीय सहायता की आपूर्ति है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस दौरान ग़ाज़ा में मानवीय हालात बेहद ख़राब हो चुके थे। 8 लाख 76 हज़ार से ज़्यादा लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे थे, जबकि लगभग 3 लाख 45 हज़ार लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए थे।
हज़ारों बच्चे और लगभग 16 हज़ार गर्भवती या नवप्रसूता महिलाएं कुपोषण से पीड़ित थीं। अधिकांश अस्पताल मरीज़ों को भोजन तक देने में असमर्थ हो चुके थे और आम नागरिकों को दिन में मुश्किल से एक बार खाना मिल पा रहा था।
हालांकि अब राहत सामग्री की आंशिक आपूर्ति शुरू हो गई है, लेकिन रफ़ा और करम अबू सालेम सहित विभिन्न सीमाई रास्तों पर सैकड़ों ट्रक अब भी प्रवेश की अनुमति का इंतज़ार कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, केवल मिस्र की सीमा पर ही 300 से ज़्यादा राहत ट्रक रुके हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों, जिनमें ह्यूमन राइट्स वॉच भी शामिल है, ने इज़राइल पर यह आरोप लगाया है कि वह भुखमरी को एक "युद्ध के हथियार" के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का गंभीर उल्लंघन है।
हालांकि 35 ट्रकों की आमद एक सकारात्मक क़दम है, लेकिन 23 लाख की आबादी वाले घिरे हुए ग़ाज़ा के लिए यह मदद बेहद अपर्याप्त है। युद्ध से पहले रोज़ाना क़रीब 600 ट्रक ग़ाज़ा में दाख़िल होते थे। राहत संगठनों ने सभी सीमाई रास्तों को तत्काल, पूरी तरह और स्थायी रूप से खोलने की मांग की है ताकि संभावित भुखमरी को रोका जा सके।
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