हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आईआरजीसी के कमांडर-इन-चीफ़ मेजर जनरल हुसैन सलामी का कहना है कि हमने इस्राईल और अमेरिका पर भारी, दर्दनाक और असहनीय" प्रहार किया है और हम दुश्मनों से अपने सभी शहीदों का बदला ज़रूर लेंगे।
मेजर जनरल हुसैन सलामी ने किरमान के आतंकवादी हमलों में शहीद होने वालों के अंतिम संस्कार में बदला लेने के लिए लोगों के अनुरोध के जवाब में कहा कि, जी ज़रूर, अपने सभी शहीदों का बदला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूरा ईरानी राष्ट्र दुःखी है और एक राष्ट्र इस्लाम और दुनिया में धर्म के चमकते सूरज की चमक को देखने के लिए उठेगा। उन्होंने क़ुरआने मजीद की एक आयत का हवाला देते हुए कहा कि सभी शहीदों के ख़ून का बदला लिया जाएगा।
मेजर जनरल सलामी का कहना था कि इन शहीदों का बदला इनकी शहादत से पहले ही दुश्मन से लिया गया। उनका कहना था कि हम दुनिया के बड़े और छोटे शैतानों के गठबंठन के साथ लड़ाई कर रहे हैं। उनका कहना था कि इस्लाम और कुफ़्र के बीच की लड़ाई इस्लामी उम्मा और ईरान के सामने एक निर्विवाद सत्य है और ये साक्ष्य इन वर्षों के दौरान दुश्मन को मिली कड़ी हार की प्रतिध्वनि हैं।
उन्होंने दुश्मनों को संबोधित करते हुए कहा कि यह मत सोचो कि इस्लामी उम्मा ने अपने हाथ बांध रखें हैं, ईश्वर ने हमारे हाथ दुश्मन के लिए खोल दिए हैं। पिछले कुछ दशकों के दौरान हम अमेरिका नामक शक्ति के साथ वास्तविक लड़ाई में व्यस्त रहे लेकिन इन सभी लड़ाइयों में हमने अपमानजनक हार के साथ उन्हें खदेड़ दिया।
आईआरजीसी के सीनियर कमान्डर का कहना था कि देखिए तो उनके साथ क्या हुआ, उन्होंने इराक़ में 1 लाख 35 हज़ार सैनिक तैनात कर दिए, वे नाकाम रहे और जनरल क़ासिम ने अमेरिका को उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल कर दिया और इराक़ को अमेरिकी चंगुल से बचा लिया।