۸ مهر ۱۴۰۳ |۲۵ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 29, 2024
अरबईन

हौज़ा / अरबईन उस मुसलमान की आत्मा का अंश है जो मज़लूम इंसानों की मुक्ति के लिए संघर्ष करता है और साथ ही वह अल्लाह की ओर वापसी का इच्छुक है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रूसी पत्रकार ने कहा है कि अरबईन उस मुसलमान की आत्मा का अंश है जो मज़लूम इंसानों की मुक्ति के लिए संघर्ष करता है और साथ ही वह अल्लाह की ओर वापसी का इच्छुक है।

एक रूसी पत्रकार अरबईन में भाग लेने के लिए इराक़ गया था वह इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के लाखों श्रद्धालुओं की भव्य उपस्थिति को देखकर कहता है कि अरबईन एक धार्मिक कार्यक्रम व समारोह है और उसमें भाग लेने वाले दो करोड़ से अधिक लोग फ़िलिस्तीनी जनता व लोगों के लिए न्याय के इच्छुक हैं और दुनिया को इस मामले की अनदेखी नहीं करनी चाहिये।

रूसी पत्रकार अब्बास जुमा ने, जो कर्बला में मौजूद हैं, रविवार को एक साक्षात्कार में कहा कि अरबईन मुसलमानों की ज़िन्दगी की सबसे महत्वपूर्ण घटना है, अरबईन शिया मुसलमानों के तीसरे इमाम के पावन लहू को याद करने और उनके प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करने का दिन और ज़ुल्म व अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्ष का प्रतीक है।

उन्होंने इराक़ में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के अवसर पर उनके श्रद्धालुओं के मध्य अपनी उपस्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा कि इमाम हुसैन अलै. के श्रद्धालुओं का संदेश स्पष्ट है, वे चाहते हैं कि जिन लोगों ने क़ुर्बानी दी है उन्हें भुलाया न जाये और अपने इमाम की भांति प्रतिरोध व संघर्ष के मार्ग को जारी रखें।

अरबईन, मुसलमानों की एकता व समरसता की भूमि प्रशस्त करता है

यह रूसी पत्रकार आगे कहता हैः अरबईन में शामिल होकर न केवल शिया बल्कि समस्त मुसलमान एक राष्ट्र व समुदाय बन सकते हैं और कर्बला तक जाने वाले रास्ते के दौरान कुछ श्रद्धालुओं के हाथों में फ़िलिस्तीन के झंडे को भी देखा जा सकता है।

उसने कहा कि ईरान, इराक़, यमन, सीरिया, लेबनान और दूसरे देशों द्वारा फ़िलिस्तीन का समर्थन इस बात का सूचक है कि सच्चा और वास्तविक़ ईमान हमेशा कामयाब व विजयी है और हर लड़ाई व विवाद की पहचान अस्थाई है परंतु अरबईन का अर्थ और उसकी पहचान बहुत गहरी और विस्तृत है।

रूसी पत्रकार अब्बास जुमा आगे कहते हैं कि अरबईन हर उस मुसलमान की आत्मा का अंश है जो दूसरे मज़लूम इंसानों की मुक्ति व उद्धार के लिए कोशिश करता है और साथ ही वह अल्लाह की ओर वापसी का इच्छुक भी है।

पश्चिम कभी भी अरबईन को नहीं समझ सकता

इस्लाम धर्म ग्रहण कर चुका रूसी पत्रकार कहता है कि पश्चिम कभी भी अरबईन को नहीं समझ सकता और जब हम अपने अमेरिकी और यूरोपीय सहयोगियों से कहते हैं कि कर्बला के रास्ते में हम और सभी लोग फ्री में खाते और पीते हैं और फ़्री में उपचार भी होता है तो वे विश्वास नहीं करते हैं।

वह कहता है कि पश्चिम में लोग हमेशा डर की हालत में रहते हैं क्योंकि वे इस बात को भूल गये हैं कि आत्मा हमेशा- हमेशा रहने वाली चीज़ है और उन्होंने स्वयं को भौतिक चीज़ों से घेर लिया है और पूरी ताक़त के साथ उन्हें पकड़ लिया है क्योंकि उनके पास कुछ और नहीं है।

मकान, गाड़ी, बैंक- बैलेंस और दूसरी चीज़ें उनके पास हैं केवल यह दिखाने के लिए कि हम हैं और हमारे पास ये चीज़ें हैं। इस आधार पर वे हमें नहीं समझ सकते। इस प्रकार कि हम किसी और दुनिया के इंसान हैं।

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