हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़्मा साफ़ी गुलपाएगानी (र) कहा करते थे कि दुनिया की हर दौलत और हर ओहदा किसी इंसान से छीना जा सकता है, लेकिन अगर अक़ीदा बना रहे, तो वह इंसान हारता नहीं है। लेकिन अगर अक़ीजा लगातार खोता रहे, तो चाहे इंसान के पास कितनी भी पूँजी क्यों न हो, वह "अल्लाहु अकबर और अल्लाहु अकबर" का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल (स) और मासूम इमामों (अ) पर अक़ीदा सबसे अनमोल खज़ाना है जिसका कोई विकल्प नहीं है। यही कारण है कि विभिन्न शैतानी शक्तियाँ और भ्रामक जाल इस अक़ीदे को निशाना बनाने के लिए हमेशा सक्रिय रहते हैं।
स्वर्गीय मरजा ए तक़लीद ने ईमान वालों को सलाह दी कि वे अपनी बौद्धिक और धार्मिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और हर उस प्रलोभन और फुसफुसाहट से सावधान रहें जो उन्हें उनके ईमान और आस्था से वंचित कर सकती है।
यह बयान उनकी सलाह पर आधारित संग्रह, 110 पंद दिलनशीन में शामिल हैं।
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