۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
मौलाना

हौज़ा/हर साल की तरह इस साल भी इमाम बारगाह ए मेंहदी अमीनाबाद लखनऊ में अशरा ए मजालिस का सिलसिला शुरू है जिसको मौलाना सैय्यद राहिब हसन ज़ैदी खिताब फरमा रहे हैं इस अशरा ए मजालिस का विषय दीन और दीनी मसाएल है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लखनऊ/मौलाना सैय्यद राहिब हसन ज़ैदी ने आज आठवीं मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि इंसान अगर अपने नफ्स को पाक कर ले तो वह दीन के रास्ते पर चलने लगेगा नफ्स तब पाक होगा जब इंसान अपने ऐब खुद देख कर खत्म करेगा इंसान अपने ऐब को नहीं देखता है बल्कि दूसरों के ऐब kk निकालने में लगा रहता है।

दूसरों के ऐब निकालना बहुत आसान है लेकिन अपने ऐब ढूंढ कर के उनको खत्म करना बहुत मुश्किल है मौलाए काएनात हज़रत अमीरूल मोमिनीन अ०स० अपनी वसीयत में फरमाते हैं कि जब इंसान दूसरों के ऐब निकाल रहा हो तो तुम अपने ऐब को ढूंढ कर के उनको खत्म कर दो जो शख्स ऐसा करेगा वह दुनिया में भी कामयाब होगा और आखिरत में भी कामयाब होगा और इंसान के ऐब तब खत्म होंगे जब वह दीन के रास्ते पर चलेगा और आइमा ए मासूमीन अ०स० की सीरत पर अमल करेगा।

मौलाना ने कहा कि हम आइमा ए मासूमीन अ०स० से मोहब्बत करते हैं जिनके पाक व पाकीज़ा होने की गवाही क़ुरान दे रहा है हम उनकी मजलिसों में आते हैं और रवायात में है कि मजलिसों में अम्बिया, आइमा ए मासूमीन अ०स० आते हैं हम उनकी बज़्म में बैठते हैं तो हमको अपने नफ्स को भी पाक करना होगा और दीन पर अमल भी करना होगा। इमाम ज़ैनुल आबिदीन अ०स० से एक शख्स ने पूछा कि मौला कुछ लोग अच्छे इंसान के साथ बैठते हैं।

लेकिन वह अच्छे नहीं हो पाते इमाम ने फरमाया कि यह उनके नफ्स के सही नहीं होने का सबूत है यह अच्छे इंसान की गलती नहीं है बल्कि वह शख्स इतना खराब हो गया है जिससे उसको अच्छे इंसान की बात समझ में नहीं आती। अगर कोई शख्स किसी इतर की दुकान पर जाए और कुछ देर वहां बैठ कर चला आए तो उसके बदन से खुशबू आने लगेगी तमाम लोग उससे पूछेंगे कि कौन सा इतर लगा कर आए हो तो वह जवाब देगा हम इतर नहीं लगा कर आए हैं बल्कि हम इतर की दुकान पर बैठ के आए हैं बस इसी तरह से जब हम मजलिसों से जाएं तो लोग कर हम से सवाल करें कि कहां से आए हो जो तुम्हारा अख्लाक इतना अच्छा हो गया।

स्पष्ट रहे इस अशरा ए मजालिस के बाद अज़ाखाने वसीम कैसर मुत्तसिल तनज़ीमुल मकातिब गोलागंज में अशरा ए मजालिस का सिलसिला शुरू है जिसको मौलाना सय्यद राहिब हसन ज़ैदी खिताब कर रहे हैं जिसका विषय कुरआन की अहमियत और फज़ीलत है।

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