हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अरबईन-ए-हुसैनी के बाद भी, शहर अज़ा लखनऊ में इमाम हुसैन (अ) की मजलिसो का सिलसिला अकीदत और सम्मान के साथ जारी है। इसी सिलसिले में, लखनऊ के काज़मैन स्थित मरहूम नज़ीर अब्बास ज़ैदपुरी के अज़ा खाने में एक मजलिस आयोजित की गई, जिसे मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी ने संबोधित किया।
मजलिस की शुरुआत हदीसे-किसा की तिलावत से हुई। बाद में, मौलाना ने पवित्र क़ुरआन की आयत मवद्दत की रोशनी में अहले-बैत-अत्हार (अ) की महानता और उनके पद व प्रतिष्ठा पर विस्तार से बात की।
मौलाना ने अपने संबोधन में कहा कि इमाम हुसैन (अ) की क़ुरबानी सिर्फ़ आँसू बहाने के लिए नहीं है, बल्कि यह हमें अत्याचार के ख़िलाफ़ डटकर खड़े होने, सच्चाई का साथ देने और मानवता का सम्मान करने की शिक्षा देती है। कर्बला का संदेश यही है कि हमें न्याय, धैर्य और दृढ़ता तथा धर्म की सेवा को अपने जीवन का आदर्श बनाना चाहिए।
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