हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ/इमाम बाड़ा गुफरान मआब में मुहर्रम के अशरे की तीसरी मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने इमाम हुसैन की महानता और मातम के महत्व के बारे में बात की।
मौलाना ने कहा कि अल्लाह के रसूल ने इमाम हसन को हौज़ ए कौसर का मालिक और इमाम हुसैन को कयामत के दिन सिफ़ारिश करने वाला कहा है, जो हदीस किसा में साबित है। उन्होंने कहा कि कयामत के दिन इमाम हुसैन सबसे ज़्यादा सिफ़ारिश करेंगे। मौलाना ने आगे कहा कि अगर कोई निजात चाहता है तो उसे निजात की कश्ती में प्रवेश करना चाहिए। यह मोक्ष का सन्दूक इमाम हुसैन (अ) हैं, जिनके बारे में पैगम्बरे इस्लाम ने कहा है कि बेशक मेरा हुसैन हिदायत का का चिराग और निजात की कश्ती हैं, जो इसमें प्रवेश करता है, वह बच जाता है। मौलाना ने फ़र्श-ए-अज़ा की महानता का वर्णन करते हुए कहा कि फ़र्श-ए-अज़ा में आकर महफ़िल सुनने का जो सवाब है, वह किसी और जगह पर सुनने से नहीं मिल सकता।
मौलाना ने जिला प्रशासन द्वारा आयतुल्लाह सैय्यद अली खामेनेई की तस्वीरें हटाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि हम धार्मिक नेता के तौर पर आयतुल्लाह खामेनेई की तस्वीर लगाते हैं और लगाते रहेंगे, चाहे प्रशासन कोई भी कार्रवाई करे। मौलाना ने कहा कि अगर सरकार की नीति है कि आयतुल्लाह खामेनेई और आयतुल्लाह सिस्तानी की तस्वीरें नहीं लगाई जाएंगी, तो यह भी घोषणा कर देनी चाहिए कि अब भारत में नेतन्याहू की सरकार है, न कि भारत सरकार का शासन। सरकार को इजरायल के प्रति अपने प्रेम में इतना आगे नहीं जाना चाहिए कि भारत को नुकसान उठाना पड़े। क्या भारत सरकार अब ईरान से अपने संबंध खत्म करना चाहती है? अगर ऐसा है, तो सरकार को इसकी घोषणा करनी चाहिए। हमारे महान संतों की तस्वीरें हर हाल में लगाई जाएंगी। अब अगर प्रशासन उन्हें हटाने की कोशिश करेगा, तो हम विरोध करेंगे।
मजलिस के अंत में मौलाना ने हब्शी गुलाम जनाब जौन की शहादत का वाकया सुनाया।
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