शुक्रवार 5 सितंबर 2025 - 14:30
अमेरिका; ईरान के आत्मसमर्पण और ग़ुलामी के अलावा किसी और चीज़ से संतुष्ट नहीं होगा

हौज़ा / सिपाह ए पासदारान में सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि ने कहा, अमेरिका की दुश्मनी का कारण, और वास्तव में साम्राज्यवादी मोर्चे की इस्लामिक मातृभूमि पर आक्रमण का मुख्य लक्ष्य, न हमारी परमाणु ऊर्जा है, न मानवाधिकार और न ही हमारे तेल संसाधन। बल्कि दुश्मन का मुख्य लक्ष्य यह है कि हम उसके आदेश के अधीन हो जाएं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान के सिपाह ए पासदारान में सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि हुज्जतल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन अब्दुल्लाह हाजी सादेकी ने कूम के सिपाह-ए-इमाम अली बिन अबी तालिब अ.स.के कमांडरों और अधिकारियों की एक सभा में वैश्विक खतरों के खिलाफ इस्लामी क्रांति की शक्ति और मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि हमारी शक्ति का कारण बसीज है। उन्होंने कहा,अगर सारी ताकतें मिलकर भी इस क्रांति और व्यवस्था को खत्म करने की कोशिश करें, तो ईमानदार बसीजियों की मौजूदगी के कारण वे कभी सफल नहीं हो पाएंगे।

सिपाह ए पासदारान-ए-इंकिलाब-ए-इस्लामी में सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि ने कहा,अमेरिका की दुश्मनी का कारण, और वास्तव में साम्राज्यवादी मोर्चे की इस्लामिक मातृभूमि पर आक्रमण का मुख्य लक्ष्य, न हमारी परमाणु ऊर्जा है, न मानवाधिकार और न ही हमारे तेल संसाधन। बल्कि दुश्मन का मुख्य लक्ष्य यह है कि हम उसके आदेश के अधीन हो जाएं।

उन्होंने आगे कुम प्रांत के सिपाह के कमांडरों और अधिकारियों से कहा, आज बसीज की पहचान की रक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आप प्यारे कमांडरों और अधिकारियों पर है कि हम पवित्र बसीज संस्था की पहचान की रक्षा कैसे करें और बसीज की पहचान को जैसे प्रसिद्ध वाक्य से पेश करें।

हज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन हाजी सादेकी ने कहा,बसीज की पहचान का मतलब है सभी क्षेत्रों में भूमिका निभाने और मौजूद होने के लिए तत्परता, और यह जानना कि नेतृत्व के प्रति निष्ठा और बसीजी संस्कृति इस्लामी गणतंत्र की शक्ति के दो महत्वपूर्ण कारक हैं। यह पहचान दो दिशाओं में मजबूत होती है;

1. ज्ञान, समझ, अंतर्दृष्टि बसीरत और सच्चाइयों और दुश्मन व दोस्त की पहचान को समझना: यह जानना कि ज्ञानात्मक युद्ध का मतलब अंतर्दृष्टि छीनने का युद्ध है और हमें ज्ञान और समझ के हथियार से और मजबूत होना चाहिए।

2. लगाव (तअल्लुक़ात): यानी बसीजियों की समझ और रुझानों को इस्लामी क्रांति के सिद्धांतों और मूल्यों की ओर मोड़ना।

उन्होंने हाल की सैन्य कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए, ईरान के इस्लामी दुश्मनों के खिलाफ सजगता और एकता की आवश्यकता पर जोर दिया।

सिपाह-ए-पासदारान-ए-इंकिलाब-ए-इस्लामी में सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि ने कहा,उचित कार्रवाई और स्थिति की सही पहचान हमें ज्ञानात्मक युद्धों और अंतर्दृष्टि छीनने के युद्ध के खिलाफ खड़े होने में मदद करेगी जो दुश्मनों ने शुरू किए हैं। इस राह में ज्ञान और अंतर्दृष्टि का उपयोग हमें क्रांति के उच्च लक्ष्यों और आदर्शों को प्राप्त करने में मदद करेगा।

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