शुक्रवार 26 सितंबर 2025 - 09:31
कारे खै़र सिर्फ अमीरों के लिए नहीं बल्कि हर कोई भलाई करने वाला हो सकता है।हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली दीयानी

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली दीयानी ने कहां,आज सोच को सुधारने की ज़रूरत है कि भलाई का काम (कार-ए-ख़ैर) सिर्फ आर्थिक रूप से अमीर लोगों के लिए है जबकि एक छोटा बच्चा हो या कोई बुज़ुर्ग हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार इस राह में हिस्सा ले सकता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली दीयानी ने कहां, जो कि आला ए चैरिटी फाउंडेशन के महा प्रबंधक हैं भलाई का काम (कार-ए-ख़ैर) विभिन्न धर्मों, मज़हबों और राजनीतिक धाराओं को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण बिंदु है हमें इस क्षेत्र में जनता की संभावनाओं का संगठित मार्गदर्शन, वैज्ञानिक शोध और सांस्कृतिक निर्माण की आवश्यकता है।

उन्होंने सामाजिक एकता में भलाई के काम के महत्व पर जोर देते हुए कहा,भलाई का काम धर्मों, मज़हबों और सामाजिक राजनीतिक समूहों के बीच संवाद का एक केंद्र बिंदु हो सकता है और राष्ट्रीय एकता एवं सहिष्णुता के लिए मंच तैयार कर सकता है।

हुज्जतुल इस्लाम दियानी ने आगे बताया कि अशूरा की संस्कृति और लोगों का इमाम हुसैन (अ.स.) के प्रति प्रेम ईरान की सामाजिक सेवा में सबसे बड़ी पूंजी है। ईरानी लोग नज़र, खाना खिलाने और सेवा कार्यों के माध्यम से इमाम हुसैन (अ.स.) के नाम पर बड़ी मात्रा में दान करते रहे हैं, जो एक अनूठी ऐतिहासिक क्षमता है।

उन्होंने भलाई के क्षेत्र में सटीक आंकड़ों और व्यापक शोध की कमी की आलोचना करते हुए कहा,देश को एक चैरिटी एटलस तैयार करने और इस क्षेत्र में वैज्ञानिक तथा शोध संस्थानों के गठन की जरूरत है। साथ ही यह आम धारणा बदली जानी चाहिए कि भलाई का काम केवल आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के लिए है, जबकि एक छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार इस रास्ते में भागीदार हो सकता है।

उन्होंने अंत में कहा,चैरिटी गतिविधियों के प्रभाव को बढ़ाने के लिए प्रबंधन, संसाधन जुटाने, लेखांकन और संबंधित नियमों के क्षेत्र में विशेषज्ञ प्रशिक्षण आवश्यक है ताकि जनता की भागीदारी और संगठित व लक्ष्यित हो सके।

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