۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
रहबर

हौज़ा/ सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार की सुबह देश के उद्योग व उत्पादन के क्षेत्रों में सक्रिय लगभग हज़ारों लोगों से मुलाक़ात की इस मौके पर उनके कार्य की प्रशंसा करते हुए उनके मनोबल को बढ़ाया

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार की सुबह देश के उद्योग व उत्पादन के क्षेत्रों में सक्रिय लगभग हज़ारों लोगों से मुलाक़ात की इस मौके पर उनके कार्य की प्रशंसा करते हुए उनके मनोबल को बढ़ाया

उन्होंने बड़े लक्ष्य को हासिल करने में निजी सेक्टर की प्रभावी क्षमताओं की ओर इशारा करते हुए, काम काज और कारोबार के मैदान में रुकावटों को दूर करने में सरकार के सपोर्ट और प्राइवेट सेक्टर की ओर से ज़िम्मेदारी क़ुबूल किए जाने पर बल दिया और इन्हें देश के हालात को बेहतर बनाने तथा भरपूर तरक़्क़ी की राह समतल करने वाली दो बहुत महत्वपूर्ण आवश्यकताएं क़रार दिया।

उन्होंने प्रोडक्शन के क्षेत्र में सक्रिय 12 लोगों की बातें सुनने के बाद, उत्पादकों की ओर से पेश की गई मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने, मुल्क में प्रोडक्शन की क्षमताओं की प्रदर्शनी की ओर इशारा करते हुए, जिसका उन्होंने कल निरिक्षण किया था, इस नुमाइश को बहुत ज़्यादा प्रेरणादायक बताया और कहा कि हम इस प्रदर्शनी को साइंस व टेक्नॉलोजी के क्षेत्र में देश की ताक़त के एक नमूने के तौर पर पेश कर सकते हैं।

उन्होंने पाबंदियों जैसी रुकावटें पैदा करने वाली कुछ समस्याओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस तरह की रुकावटों के बावजूद, प्राइवेट सेक्टर की कोशिश और कामयाबी लोगों में उम्मीद जगाती है और ये सेक्टर, ईरान को सातवीं पंच वर्षीय योजना में निर्धारित 8 फ़ीसदी विकास तक पहुंचाने की क्षमता रखता है।

सुप्रीम लीडर ने इनोवेशन को कल की प्रदर्शनी और आज की बैठक की स्पष्ट विशेषता बताते हुए कहा कि इनोवेशन, दक्ष ह्यूमन रिसोर्स को दर्शाता है और परफ़ेक्ट ह्यूमन रिसोर्स, एक महत्वपूर्ण पूंजी की हैसियत से बड़ी समस्याओं के हल, कठिन राहों को तय करने और ईरान को चोटी पर पहुंचाने की राह में मौजूद एक भरोसेमंद सहारा है।

उन्होंने सरकार और आर्थिक क्षेत्र में सक्रिय लोगों में ज़िम्मेदारी की भावना को, पब्लिक फ़ायनेंस की क्षमता से भरपूर तरीक़े से फ़ायदा उठाने के लिए ज़रूरी बताया और कहा कि सरकार की ज़िम्मेदारी आम तौर पर काम काज की राह में मौजूद रुकावटों को दूर करना और उसके माहौल को बेहतर बनाना है।

उन्होंने कहा कि सरकार की निगरानी, निजी सेक्टर को सपोर्ट की प्रक्रिया में पूरक का काम करती है और इस निगरानी को, जो हस्तक्षेप से अलग चीज़ है, बिलकुल भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद ख़ामेनेई ने दुनिया की सरकारों की ओर से अपनी बड़ी कंपनियों को सपोर्ट को इन कंपनियों की कामयाबी का एक कारण बताया और कहा कि प्राइवेट सेक्टर को सरकार की एक ज़रूरी मदद, एक्सपोर्ट और विदेशी मंडियों का दायरा बढ़ाना है और इस सिलसिले में आर्थिक डिप्लोमेसी को सरकार और प्राइवेट सेक्टर की संयुक्त मेहनत से मज़बूत बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने प्रतिबंधों और दुश्मनों की नुक़सान पहुंचाने वाली हरकतों जैसी विदेशी समस्याओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस तरह की बातें निश्चित तौर पर नुक़सान पहुंचाने वाली हैं और देश के लिए मुश्किलें पैदा करती हैं लेकिन इन्हीं मुश्किलों को अवसर में भी बदला जा सकता है।

जैसा कि हमारे जवानों ने इस मौक़े से फ़ायदा उठाया और आज हमने फ़ौजी हथियारों या स्पेस के मैदान में और सुरय्या सैटेलाइट लांच करने जैसे ज़बरदस्त वैज्ञानिक कारनामे अंजाम दिए हैं और आज अगर पाबंदियां न होतीं तो हम ये कारनामे अंजाम न दे पाते।

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