हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मशहद मुक़द्दस के इमाम ए जुमआ आयतुल्लाह सैयद अहमद आलमुल होदा ने जुमआ की नमाज़ के ख़ुत्बों में ऑपरेशन तूफान ए अल-अक्सा की सालगिरह पर इस्लामी उम्मत को मुबारकबाद दी और इस को एक शान बढ़ाने वाली ताक़त बताया।
मशहद ए मुक़द्दस के इमाम-ए-जुमआ आयतुल्लाह सैयद अहमद आलमुल होदी ने नमाज़ के ख़ुत्बों में ऑपरेशन तूफान ए अल-अक्सा की सालगिरह पर इस्लामी उम्मत को मुबारकबाद दी और इसे एक शान बढ़ाने वाली ताक़त बताया।
उनका कहना था कि यह इस्लामी उम्मत की ताक़त और शान को दुनिया के सामने साबित करने वाला एक अहम इवेंट था। फ़िलस्तीनी लोग अपनी जान की कुर्बानी देकर ऐसा इंक़िलाब लाए, जिसने इज़राइल की ज़ालिमियत के ख़िलाफ़ पूरी दुनिया में जागरूकता पैदा की और सियॉनी सरकार के विरोध में नफ़रत बढ़ाई।
आयतुल्लाह आलमुल होदा ने कहा कि हमास और जिहाद-ए-इस्लामी जैसे मुजाहिद ग्रुप्स, जिन्हें दुश्मन ने खत्म समझा था, दो साल की मेहनत के बाद इज़राइल को युद्धविराम और बातचीत करने पर मजबूर कर दिया। यह कामयाबी ईमान, कुर्बानी और खुदा पर यक़ीन रखने वालों की देन है।
उन्होंने मशहद में आयोजित 18 हज़ार शहीद-ए-खुरासान" कॉन्फ्रेंस की भी तारीफ़ की और कहा कि लोगों की बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने से पता चलता है कि ईरान की मिल्लत के लिए सबसे बड़ी क़ीमत इंक़िलाब, शहादत और जिहाद-फ़िसबिल्लाह है।
आयतुल्लाह आलमुल होदा ने अपने ख़ुत्बे में तौहिदी ज़िन्दगी के तरीक़े को इस्लामी इंक़िलाब की बुनियाद बताया और कहा कि माद्दा-परस्ती, फ़िजूलखर्ची और पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित ज़िन्दगी समाज को बर्बाद कर रही है।
उनका कहना था खुशी और सुकून खुदा पर ईमान और बेहतर अर्थव्यवस्था से हासिल होती है। उन्होंने सरकार से कहा कि वह जालसाजी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख़्त कदम उठाए ताकि आम लोगों को असली राहत मिल सके।
अंत में उन्होंने कहा कि सच्चा ईमान ही इस्लामी उम्मत के इत्तिहाद और निजात की गारंटी है।
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