शुक्रवार 17 अक्तूबर 2025 - 06:01
जुमा की नमाज़ का सवाब

हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में जुमा की नमाज़ की फ़ज़ीलत बयान की है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "वसाइल उश-शिया" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال امیرالمؤمنين عليه السلام:

ضَمِنْتُ لِسِتَّةَ عَلَى اللّه ِ الْجَنَّةَ، مِنْهُمْ رَجُلٌ خَرَجَ اِلَى الْجُمُعَةِ فَماتَ فَلَهُ الْجَنَّةُ

अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अ) ने फ़रमाया:

मैंने अल्लाह के सामने छह लोगों को जन्नत की गारंटी दी है। उनमें से एक व्यक्ति वह है जो जुमे की नमाज़ के लिए घर से निकले और रास्ते में ही उसको मौत आ जाए, तो उस पर जन्नत वाजिब है।

वसाइल उश शिया, भाग 5, पेज 11

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