हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसलुश् शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
مَن قالَ فِينا بَيتَ شِعرٍ بَنَى اللّه تعالى لَهُ بَيتا فِي الجَنَّةِ
हज़रत इमाम जाफर सादिक अ.स.ने फरमाया:
जो भी हमारी (मद्ह) शान में एक शेर कहे तो अल्लाह ताला इसके बदले में (बहिस्त) जन्नत में इसके लिए एक घर बना देता हैं।
वसलुश् शिया,भाग 10,पेज 467