शुक्रवार 31 अक्तूबर 2025 - 09:18
जुमे के ग़ुस्ल का महत्व

हौज़ा/ इस रिवायत में, गु़ुस्ल के जुमा को तहारत और पापों की क्षमा का साधन बताया गया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "वस्लइ उश-शिया" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الصادق عليه السلام:

غُسلُ يَومِ الجُمُعَةِ طَهُورٌ و كَفّارَةٌ لِما بَينَهُما مِنَ الذُّنوبِ مِنَ الجُمُعَةِ إلَى الجُمُعَةِ

इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:

जुमे के दिन ग़ुस्ल करना एक जुमे से दूसरे जुमे तक किए गए पापों के लिए पाकी और प्रायश्चित का एक साधन है।

वसइल उश शिया, भाग 3, पेज 315

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