हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसालुश् शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
ما مِنْ قَدَمٍ سَعَتْ اِلَى الْجُمُعَةِ اِلاّ حَرَّمَ اللّهُ جَسَدَها عَلَى النّارِ
हज़रत इमाम जफार सादीक अ.स.ने फरमाया:
कोई भी ऐसा कदम नहीं जो नमाजे जुमआ के रास्ते में उठाया जाए मगर यह की अल्लाह ताला इसके बदन को जहन्नम की आग पर हराम न कर दें।
वसायलुश्शिया,भाग 5,पेंज 3