हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, क़ुरआन और अख़लाक़ के प्रसिद्ध अध्यापक, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन हुसैन अन्सारियान ने कहा है कि हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) का मक़ाम बहुत बुलंद और अज़मत वाला है, जो क़यामत के दिन खुदा की इजाज़त से अपने शियाओं की शफ़ाअत करेंगी।
उन्होंने हुसैनियह आयतुल्लाह अलवी में ख़िताब करते हुए कहा कि खुदा के तीन हज़ार नामों में से एक हज़ार नाम बंदगानों के लिए ज़ाहिर किए गए हैं, और ये तमाम नाम दरअसल उसी एक ज़ात की तजल्ली हैं। अगर कोई सिफ़ात को ज़ात से अलग समझे, तो वह हक़ीक़तन शिर्क का मुर्तकिब होता है।
उस्तादे अख़लाक़ ने कहा कि नबी ए अक़रम (स) के अनुसार उन हज़ार नामों में से 99 “अस्मा-ए-हुस्ना” हैं, जो अहले ईमान में भी झलक सकते हैं। इमाम बाक़िर (अ) और अमीरुल मोमेनीन (अ) दोनों ने फ़रमाया कि खुदा की सबसे बड़ी निशानी हम हैं, और पैग़म्बर ए अक़रम (स) ने फ़रमाया: “मैं और अली एक ही दरख़्त के दो तने हैं।” विलायत-ए-अली के बिना नबूवत का तसव्वुर एक सुखा दरख़्त है।
उन्होंने तारीख़ में दीन के मफ़हूम को बदलने वालों पर तनक़ीद करते हुए कहा कि बनी उमय्या और बनी अब्बास ने लोगों के लिए खुदा का झूठा तसव्वुर पेश किया, जबकि अहले बैत (अ) का खुदा वही है जिसे क़ुरआन ने पहचानवाया है बे-मिस्ल और बे-नज़ीर खुदा।
हुज्जतुल इस्लाम अन्सारियान ने बयान किया कि नामों के निर्धारण में भी खुदा का ख़ास इख़्तियार है, और हज़रत फ़ातिमा (स) के नाम के बारे में खुद खुदा ने रसूल (स) को हुक्म दिया कि अपनी बेटी का नाम “फ़ातिमा” रखें। इस नाम का मतलब है “अलग करने वाली”, यानी वो बुराइयों और आलूदगियों से पूरी तरह पाक और मुनज़्ज़ह हैं। आयत-ए-ततहीर इस हक़ीक़त की पुष्ठि करती है।
उन्होंने इमाम बाक़िर (अ) से नक़्ल किया कि जब हज़रत ख़दीजा (स) हज़रत फ़ातिमा (स) को दूध से अलग करना चाहती थीं, तो खुदा ने उनके वजूद को इल्म और मा’रिफ़त से भर दिया, यहाँ तक कि दो साल की उम्र में ही उन्हें दूध की ज़रूरत न रही। बाद में उनके दो ख़ुत्बे ऐसे हैं जिन पर सदियों से उलमा गुफ़्तगू कर रहे हैं।
आख़िर में उन्होंने कहा कि आइम्मा (अ) के अनुसार, रोज़े क़यामत हज़रत फ़ातिमा (स) खड़ी होंगी और शियाने अली (अ) को जहन्नम से नजात देती हुई फ़रमायेंगी: “ये मेरे शिया हैं, ये आग का ईंधन नहीं।” यह बात साबित करती है कि हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) मज़हर-ए-इस्मत-ए-मुतलक और निजात देने वाली हस्ती हैं।
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