हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, शोबा-ए-शिया इस्लामियात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के ज़ेरे-ए-एहतमाम “एट्रैक्शन ऑफ़ इस्लाम अमंग पीपल लिविंग इन यू.एस.ए” के उनवान से एक ख़ुसूसी तौसीई लैक्चर सेंट्रल हाल, फैकल्टी ऑफ़ इस्लामियात में मुनअकिद हुआ।

नशिस्त की सदारत पद्मश्री प्रोफ़ेसर हकीम सैयद ज़ुल रहमान ने की, जबके अमरीका से तशरीफ़ लाए हुए मुमताज़ मुआलिज़ और कम्यूनिटी लीडर डॉ. आफ़ताब हुसैन (एम.डी.) मेहमान-ए-ख़ुसूसी थे।
प्रोग्राम के इन्तिज़ामी ढाँचे, मेहमान-ए-गिरामी के इस्तक़बाल और नशिस्त के नज़्म व ज़बत में डॉ. असग़र इजाज़ क़ाएमी (चेयरमैन, शोबा-ए-शिया थियॉलोजी) का किरदार नमायाँ रहा।
तक़रीब का आग़ाज़ मौलाना अहमद मजलिसी की तिलावत-ए-क़लाम-ए-पाक से हुआ।
उसके बाद डॉ. रज़ा अब्बास ने ख़ुत्बा-ए-इस्तक़बालिया पेश किया, जिसमें मौज़ूअ की मआनवियत, नशिस्त की एहमियत और मेहमानों के तआरुफ़ को निहायत जामेयत से बयान किया।
प्रोफ़ेसर मुहम्मद हबीबुल्लाह (डीन, फैकल्टी ऑफ़ थियॉलोजी) ने इफ्तताही कलमात पेश करते हुए आयत-ए-करीमा की रौशनी में इंसानी व काएनाती फितरी निज़ाम-ए-हयात और इस्लामी अख़लाक़ी उसूलों पर रौशनी डाली।
मेहमान-ए-ख़ुसूसी डॉ. आफ़ताब हुसैन ने अपने वक़ीअ ख़िताब में अमरीका में मुक़ीम मुसलमान आबादी के समाजी, सियासी और फ़िक्री रुजह़ानात पर पुर्मग़ज़ गुफ़्तगू की।

तक़रीब में प्रोफ़ेसर सैयद तैय्यब रज़ा नक़वी (साबिक चेयरमैन, शोबा-ए-शिया दीनियात) और प्रोफ़ेसर मुहम्मद राशिद (चेयरमैन, शोबा-ए-सुन्नी थियॉलोजी) मेहमानान-ए-अज़ाज़ की हैसियत से शरीक हुए।
प्रोफ़ेसर मुहम्मद राशिद ने अपने ख़िताब में कहा कि ज़ाबिता-ए-हयात बनाने का हक़ सिर्फ़ ख़ालिक़-ए-इंसान को है, और इस्लाम उसी फितरी निज़ाम-ए-हिदायत का नाम है जो इंसान की दाख़िली और ख़ारिजी ज़रूरतों को हम-आहंग करता है।
प्रोफ़ेसर सैयद तैय्यब रज़ा नक़वी ने डॉ. आफ़ताब हुसैन का तफ़सीली तआरुफ़ पेश करते हुए उनकी तिब्बी, समाजी और तालीमी ख़िदमात को ख़राज-ए-तहसीन पेश किया।
आख़िर में डॉ. सैयद हादी रज़ा तक़वी (शोबा-ए-शिया दीनियात) ने कलिमात-ए-तशकुर अदा करते हुए मुअज़्ज़ज़ मेहमानों, मुकर्रिरीन, मुनज़्ज़िमीन, सेंट्रल हाल इंतज़ामिया और मीडिया/आईटी टीम का शुक्रिया अदा किया।
प्रोग्राम में उस्ताज़ा, रीसर्च स्कॉलर्स और बड़ी तादाद में तलबा — ख़ास तौर पर प्रोफ़ेसर लतीफ़ काज़मी और डॉ. फ़ैयाज़ हaidर — ने शिरकत की। मौज़ूअ पर सवाल-जवाब का सिलसिला भी जारी रहा।

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