शुक्रवार 21 नवंबर 2025 - 08:24
शहज़ादी ज़हरा (स) ने अपने पूरे अस्तित्व के साथ अपने समय के इमाम का बचाव किया

हौज़ा / 29 जमादी-उल-अव्वल, गुरुवार को मदरसा ए मुबारका मोमिनिया, क़ुम अलमुक़द्दस में शहज़ादी फ़ातिमा ज़हेरा (स.ल.) की शहादत के मौके पर उर्दू ज़बान के छात्रों की तरफ़ से एक मजलिस ए अज़ा का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, अज़रबैजान, ताजिकिस्तान, रूस और विभिन्न अन्य देशों के छात्रों और उलमा बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,29 जमादी-उल-अव्वल, गुरुवार को मदरसा ए मुबारका मोमिनिया, क़ुम अलमुक़द्दस में शहज़ादी फ़ातिमा ज़हरा (सला मुल्ला अलैहा) की शहादत के मौके पर उर्दू ज़बान के छात्रों की तरफ़ से एक मजलिस ए अज़ा का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, अज़रबैजान, ताजिकिस्तान, रूस और विभिन्न अन्य देशों के छात्रों और उलमा बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

मजलिस की ख़िताबत शहर ए मुक़द्दस के मशहूर ख़तीब हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन आगा सैयद हुसैन मोमनी ने की।उन्होंने शहज़ादी (सला मुल्ला अलैहा) पर ढाए गए अत्याचार और ज़ुल्म पर रौशनी डालते हुए कहा कि उन्होंने अपने पूरे वजूद के साथ अपने समय के इमाम का बचाव किया।

उन्होंने अपनी जान, माल सब कुछ राह-ए-इमामत में कुर्बान किया, यहाँ तक कि उस बच्चे को भी कुर्बान कर दिया जो अभी उनके बतन (पेट)मे पल रहा था।

इस अवसर पर शहर ए क़ुम के कई मशहूर उस्तद भी मौजूद रहे, जिनमें आयतुल्लाह अबादुल्लाह ख़ैरियान, उस्ताद दानिश महमूदआबादी, उस्ताद एहसानी, उस्ताद बाक़िरयान, उस्ताद पारसा और अन्य उलमा व फ़ज़ला ने बड़ी तादाद में शिरकत की।

यह मजलिस हर साल हिंद और पाकिस्तानी छात्रों की ओर से मदरसा मुबारका मोमिनिया में आयोजित की जाती है।

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