हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अुसार, हैदराबाद / भारत मे सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनेई के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन डॉक्टर अब्दुल मजीद हकीम इलाही ने हैदराबाद दकन में "कुल हिंद शिया मजलिस-ए-उलमा और ज़ाकेरीन" के दफ़्तर "शरियतकदा नूरख़ाँ बाज़ार" में शहर के तमाम उलमा और ज़ाकेरीन से मुलाक़ात की।
इस मौक़े पर वली-ए-फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने तमाम उलमा और ख़ुतबा से ख़िताब करते हुए शहज़ादी-ए-दो आलम हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के फ़ज़ाइल और मनाक़िब बयान किए।
उन्होंने युवा पीढ़ी की बिगड़ती हुई तर्ज़-ए-ज़िंदगी पर तशवीश का इज़हार करते हुए फ़रमाया कि आज सोशल मीडिया ने हमारी नौजवान नस्ल को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। उन्होंने मुख़्तलिफ अख़बारात का हवाला देते हुए बताया कि साल 2025 में एक बड़ी तादाद के मुताबिक़ नौजवान अपनी ज़िंदगी के क़ीमती लम्हात ज़ाया कर रहे हैं।
डॉ. हकीम इलाही ने फ़रमाया कि हम उलमा की यह ज़िम्मेदारी है कि हम सोशल मीडिया पर सक्रिय रहें और नौजवानों तक सही इस्लामी पैग़ाम पहुँचाएँ। अगर हम खुद को अलग कर लेंगे तो नकारात्मक और शैतानी ताक़तें वहाँ ग़ालिब आ जाएँगी। इसलिए ज़रूरी है कि हम मैदान में रहते हुए सही रहनुमाई का फ़रीज़ा अंजाम दें।
उन्होंने आगे कहा कि उलमा को जदीद तक़ाज़ों से परिचित करने के लिए वर्कशॉप्स और तर्बियती बैठको का आयोजन करना चाहिए ताकि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे नए वसीलों को मुस्बत और दीनी मक़ासिद के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
आख़िर में "कुल हिंद शिया मजलिस-ए-उलमा और ज़ाकेरीन" के सदर डॉक्टर सय्यद निसार हुसैन हैदर आका ने तमाम मेहमानान-ए-ग़िरामी और उलमा का शुक्रिया अदा किया और इस मुलाक़ात को निहायत मुफ़ीद व बाबरकत करार दिया।

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