۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
अली अकबरी

हौज़ा / मदरसा क़ज़्वीन के छात्र संगठन के सचिव ने कहा कि अस्पतालों और उपचार केंद्रों में विद्वानों और धार्मिक छात्रों की स्वैच्छिक उपस्थिति, साथ ही साथ कोरोना मौतों के अंतिम संस्कार ने यह स्पष्ट कर दिया कि विद्वान लोगो की सेवा करने में बहुत बड़े बड़े जोखिमो का सामना करते है। 

हौज़ा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हमारे प्रतिनिधि से बात करते हुए हुज्जतुल-इस्लाम सैयद मुजतबा अली अकबरी ने ईरानी नए वर्ष और शाबान महीने की ईदो की बधाई देते हुए कहा कि पिछले साल, सभी लोग एक अज्ञात और खतरनाक बीमारी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए। और कई परिवारों ने इस खतरनाक बीमारी के हमले और वायरस के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया।

उन्होंने इस बात की ओर इशारा किया कि हौज़ा-ए- इल्मिया और विद्वानों ने दिफा-ए-मुकद्दस की भांति कोरोना वायरस से निपटने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कज्वीन मदरसा के सचिव ने कहा कि कज़्वीन मदरसा के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सुभानी निया के सहयोग से काज़्वीन के विद्वानों और धार्मिक छात्रों एंव छात्राओ ने कोरोना के खिलाफ संघर्ष में उल्लेखनीय गतिविधियों को अंजाम दिया है। लोग वास्तव में प्रशंसा के पात्र हैं।

हुज्जतुल-इस्लाम अली अकबरी ने कहा किअस्पतालों और उपचार केंद्रों में विद्वानों और धार्मिक छात्रों की स्वैच्छिक उपस्थिति, साथ ही साथ कोरोना मौतों के अंतिम संस्कार ने यह स्पष्ट कर दिया कि विद्वान लोगो की सेवा करने में बहुत बड़े बड़े जोखिमो का सामना करते है। 

उन्होंने नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ये शुद्ध प्रयास चिकित्सा चिकित्सकों की आस्था और विश्वास की गहराई को दर्शाते हैं जिन्होंने इन कठोर परिस्थितियों में अपने परिवारों को अकेला छोड़कर रोगियों की देखभाल की।

हुज्जतुल-इस्लाम अली अकबरी ने कोरोना वायरस पर विद्वानों और छात्रों की स्वैच्छिक गतिविधियों में विशेष रुचि के लिए ईरान के मदरसो के प्रमुख अयातुल्लाह आरफी का भी आभार व्यक्त किया।

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