हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , हज़रत अबल अलफ़ज़ल अलअब्बास अ.स. की विलादत के मुबारक मौके पर क़ुम मुक़द्दस में एक रौशन और रूहानी महफ़िल का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दक्षिण भारत के छात्रों और अल-बलाग़ फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित हुआ जिसमें क़ुम में तालीम हासिल कर रहे दक्षिण भारतीय छात्र और सम्मानित उलेमा शामिल हुए।
इस महफ़िल में हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन डॉ. सैयद मोहम्मद अली औन नक़वी, जो जामिया अलमुस्तफ़ा अलआलमिया की अकादमिक कमेटी के सदस्य और मदरसा इमाम अली अ.स. के निदेशक हैं ने हज़रत अब्बास अ.स.की वफ़ादारी, बसीरत और इसार (त्याग) पर विस्तार से प्रकाश डाला।
डॉ. औन नक़वी ने हज़रत अब्बास अ.स. की पाक ज़िंदगी का ज़िक्र करते हुए कहा,अगर तुम दुनिया और आख़िरत में कामयाबी चाहते हो, तो अब्बास इब्न अली अ.स.की सीरत को अपनाओ, क्योंकि उन्होंने हमें सिखाया कि बसीरत और यक़ीन (विश्वास) के साथ वली-ए-ख़ुदा के साथ खड़े होने का क्या मतलब है।
उन्होंने इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स.की वह हदीस भी बयान की, जिसमें हज़रत अब्बास (अ.स.) की गहरी बसीरत और अटल इमानदारी का ज़िक्र किया गया है चाचा अब्बास (अ.स.) बेहद गहरी बसीरत रखते थे, उन्होंने पुख़्ता ईमान के साथ मैदान में क़दम रखा और अपने भाई इमाम हुसैन अ.स. की राह में कुर्बान हो गए।
इस महफ़िल में मौजूद छात्रों ने हज़रत अब्बास अ.स. की शान में मनक़बत पेश की और नज़्र-ए-अक़ीदत पेश किया इस मुबारक महफ़िल में हज़रत अब्बास अ.स. की बहादुरी विलायत से वफ़ादारी और त्याग के विभिन्न पहलुओं पर नज़्में पेश की गईं इसके साथ ही सभी प्रतिभागियों ने हज़रत अब्बास अ.स.की सीरत को अपने जीवन का आदर्श बनाने का संकल्प लिया।
आपकी टिप्पणी