शनिवार 22 नवंबर 2025 - 10:11
गुरबत और तंगदस्ती का खौफ छोड़ें, अल्लाह की राह में खर्च करें

हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया व यूनिवर्सिटी के मुमताज़ दीनी स्कॉलर, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद हादी फलाह खुरशीदी ने अपनी एक नशिस्त में इनफाक के साए में दाएमी बिहिश्त के उन्वान से गुफ्तगू करते हुए कहा कि खुदा की राह में खर्च करना इंसान को हकीकी कामयाबी तक पहुंचाता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हौज़ा ए इल्मिया व यूनिवर्सिटी के मुमताज़ दीनी स्कॉलर, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मोहम्मद हादी फलाह खुरशीदी ने अपनी एक नशिस्त में "इनफाक के साए में दाएमी बिहिश्त" के उन्वान से गुफ्तगू करते हुए कहा कि खुदा की राह में खर्च करना इंसान को हकीकी कामयाबी तक पहुंचाता है।

उन्होंने रसूल खुदा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की वह नसीहत नक़्ल की जिसमें आप ने हज़रत बिलाल से फरमाया था,इनफाक या बिलाल" यानी बिलाल! जो कुछ भी है, अल्लाह की राह में खर्च करो और फक़्र के खौफ को अपने दिल में न लाओ।

मोहम्मद हादी फलाह खुरशीदी ने बताया कि बिलाल माली तौर पर कमज़ोर थे, लेकिन जब कभी उनके पास अच्छे खजूर आ जाते तो वह उन्हें रसूल खुदा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की जियाफत के लिए मुख़स्सुस कर लिया करते थे। इस पर रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम ने उन्हें रोक दिया और फरमाया कि बिलाल! जो है, उसे अल्लाह की राह में दे दो। अल्लाह के खज़ानों में कमी नहीं, फक़्र से मत डरो।

उन्होंने कहा कि हर इंसान के अंदर एक "बिलाल" मौजूद है वह पाकीज़ा बातिन जो बख्शिश के जज़्बे को ज़िंदा रखता है और इंसान को अल्लाह के मुक़र्रबीन में शामिल कर सकता है।

उन्होंने मज़ीद कहा कि जो शख्स इनफाक करता है, खुदा उसे ज़रूर उसका बदला देता है। इस सिलसिले में अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम का वह क़ौल भी नहायत परमानी है जिसमें फरमाया,جُودُوا بِما یَفنی تَعتاضُوا عَنهُ بِما یَبقی"

यानी जो दुनिया फानी है, उसे बख्श दो ताकि तुम्हें उसके बदले वह आखेरत मिले जो हमेशा बाक़ी रहने वाली है।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक नसीहत नहीं बल्कि अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम की तरफ से दी गई एक इलाही ज़मानत है कि जो अल्लाह की राह में देता है, वह कभी महरूम नहीं रहता।

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