हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , भारत के थितकी इलाके में पैगंबर हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व.) की इकलौती बेटी जनाब फातिमा ज़हरा (स.अ.) की शहादत के मौके पर पाँच दिनों तक मजलिस-ए-अज़ा-ए-फातिमिया का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में मोमिनीन ने शिरकत की।
पाँचों मजालिस-ए-अज़ा-ए-फातिमिया में मौलाना मुहम्मद आलम साहब, मौलाना तशख़्ख़ुस मेहदी साहब, मौलाना अम्मार हैदर साहब (लखनऊ), मौलाना गुलाम हुसैन रज़वी साहब (हल्लोर) और मौलाना शब्बिर अली वारसी साहब (कोलकाता) ने खिताब किया।
वक्ताओं ने बीबी फातिमा ज़हरा (स.अ.) के जीवन और उनकी अज़मत पर रोशनी डाली और मौजूद लोगों से नेक बनने, खुद को तालीमात-ए-फातिमी से आरास्ता करने, आल-ए-रसूल के वफादार बनने और देश में भाईचारा कायम रखने की अपील की।
मौलाना सैयद मुहम्मद सईद ने इफ्तेताही कलिमात में इस प्रोग्राम की तारीख और अहमियत पर रोशनी डाली और इन मजलिस में हिस्सा लेने वालों का शुक्रिया अदा करते हुए उनके हक में दुआ की, साथ ही मरहूमीन को याद करने और देश में अमन-व-अमान व बक़ाए-ए-बहमी कायम रखने पर ज़ोर दिया।
पिछले साल की तरह इस साल भी बीबी फातिमा ज़हरा (स.अ.) की याद में एक रक्तदान शिविर भी लगाया गया।रक्तदान शिविर में तीस से ज़्यादा महिलाओं और मर्दों ने बीबी के नाम पर खून का अतिया पेश किया।
इस मौके पर अंजुमन के मीडिया इंचार्ज हसन सईद ने बताया कि यह प्रोग्राम पिछले पंद्रह (15) सालों से अंजुमन के ज़ेरे-ए-इह्तिमाम मुनअक़िद होता चला आ रहा है, जिसमें काफी तादाद में मोमिनीन शिरकत करते हैं।
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