۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
अय्यामे अज़ा ए फातिमा

हौज़ा / शहज़ादी फातिमा ज़हरा से संबंधित किताबें और बैनर अय्यामे अज़ा ए फातिमा के अवसर पर और फातिमा जागरूकता के शीर्षक के तहत भारत के विभिन्न हिस्सों में अल जवाद फाउंडेशन द्वारा वितरित किए गए।

हौजा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अय्यामे अज़ा ए फातिमा के अवसर पर और फातिमा जागरूकता के शीर्षक के तहत शहज़ादी फातिमा फातिमा जहरा से संबंधित किताबें और बैनर भारत के विभिन्न हिस्सों में अलजवाद फाउंडेशन द्वारा वितरित किए गए।

भारत में अय्यामे अज़ा ए फातेमी के मौके पर देश के कोने-कोने में किताबें और बैनर पहुंचाए गए

इस मौके पर अल-जवाद फाउंडेशन के महासचिव मौलाना सैयद मनातज़िर हुसैन नकवी ने कहा कि भारत के विभिन्न हिस्सों में अय्यामे अज़ा ए फातिमा बड़ी शानो शोकत से आयोजित किया जा रहा है। देश के मुसलमान रसूल की बेटी का शोक मनाकर रसूले अकरम और मासूमीन को पुरसा पेश कर रहे है।

भारत में अय्यामे अज़ा ए फातेमी के मौके पर देश के कोने-कोने में किताबें और बैनर पहुंचाए गए

उन्होंने कहा कि अय्यामे फातिमी के अवसर पर और हज़रत फातिमा अल-ज़हरा की शहादत की याद में लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर बुक स्टॉल भी लगाए गए थे, जिनमे विभिन्न विद्वानों और अभिजात वर्ग ने भाग लिया। और बुक स्टॉल पर प्रोत्साहित किया। शहजादी फातिमा जहरा (स) से संबंधित दूसरे विषयो पर भी बीबी फातिमा से अवगत होने के लिए दूसरी किताबे भी मौजूद थी। जिनको मोमेनीन ने काफी पसंद किया।

भारत में अय्यामे अज़ा ए फातेमी के मौके पर देश के कोने-कोने में किताबें और बैनर पहुंचाए गए

मौलाना मनाज़िर हुसैन नकवी ने कहा कि अय्यामे फातिमा का आंदोलन कई साल पहले मराजे ए इकराम ने शुरू किया था, जो आज पूरी दुनिया में सफल होता दिख रहा है।अल-जवाद फाउंडेशन अय्यामे अज़ा ए फातिमा के इस आंदोलन को सफल बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है।

भारत में अय्यामे अज़ा ए फातेमी के मौके पर देश के कोने-कोने में किताबें और बैनर पहुंचाए गए

उन्होंने आगे बताया कि बीबी ज़हरा के साथ अधिक परिचित होने के लिए, देश के हर शहर में किताबें और झंडे और उपदेशक भेजना और ये सभी प्रयास जो अजा ए फातिमा को बढ़ावा देने में काफी अच्छे साबित हुए, अल-जवाद फाउंडेशन द्वारा किए गए इसका नतीजा देश के हर कस्बे से अज़ा ए फातिमिया के वक्त देखा जा सकता है। आज देश में शिया और मुसलमान फातिमा को बड़ी श्रद्धा से मनाते नजर आ रहे हैं और आस्तिकों के हर कस्बे में सभाओं, मातम और जुलूसों के जरिए पैगम्बर की बेटी का मातम मना रहे हैं और लोग पैगंबर और मासूम की सेवा में पुरसा पेश कर रहे हैं।

भारत में अय्यामे अज़ा ए फातेमी के मौके पर देश के कोने-कोने में किताबें और बैनर पहुंचाए गए

भारत में अय्यामे अज़ा ए फातेमी के मौके पर देश के कोने-कोने में किताबें और बैनर पहुंचाए गए

भारत में अय्यामे अज़ा ए फातेमी के मौके पर देश के कोने-कोने में किताबें और बैनर पहुंचाए गए

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