हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , वेनेज़ुएला में इस्लाम की मौजूदगी एक लंबे ऐतिहासिक, सामाजिक और आर्थिक क्रम का नतीजा है। इसी संदर्भ में पाठकों की सेवा में वेनेज़ुएला में इस्लाम” पर एक संक्षिप्त ऐतिहासिक, सामाजिक और आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की जा रही है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
वेनेज़ुएला में इस्लाम की शुरुआत औपनिवेशिक काल में अफ्रीकी मुस्लिम ग़ुलामों और बाद में “मोरिस्कोस” (स्पेन से आए प्रवासी मुसलमानों) से हुई। हालांकि धार्मिक दबाव के कारण उस दौर में कोई स्थायी संस्थागत व्यवस्था स्थापित नहीं हो सकी।
आधुनिक हिजरत:
वर्तमान मुस्लिम समुदाय की नींव उस्मानी साम्राज्य के पतन के बाद, विशेष रूप से 19वीं और 20वीं सदी में,सिरीय क्षेत्र (लेबनान, सीरिया, फ़िलिस्तीन) से आए प्रवासियों ने रखी। स्थानीय तौर पर इन्हें “तुर्क” कहा जाता था।
आर्थिक विकास:
मुस्लिम प्रवासियों ने छोटे स्तर की घूम-घूम कर की जाने वाली व्यापारिक गतिविधियों से शुरुआत की, भरोसे पर किश्तों में सामान बेचा, और अंततः राजधानी कराकास जैसे शहरों में स्थायी दुकानें और व्यावसायिक केंद्र (“ला तरकोरिया”) स्थापित किए।
संस्थागत निर्माण:
तेल उद्योग के विकास के दौर (1940-1960) में नई हिजरत ने मुस्लिम समुदाय को और मज़बूती दी। इस दौरान प्रमुख मस्जिदें (जैसे कराकास की शेख़ इब्राहीम आल इब्राहीम मस्जिद, जो लैटिन अमेरिका की सबसे ऊँची मीनार वाली मस्जिद है) शैक्षणिक संस्थान (जैसे वेनेज़ुएलन इस्लामिक स्कूल) और सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए गए।
वर्तमान स्थिति:
वेनेज़ुएला में मुस्लिम समुदाय, लैटिन अमेरिका में अर्जेंटीना के बाद दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है। इसमें अरब मूल के मुसलमानों के साथ-साथ पाकिस्तानी, भारतीय, इंडोनेशियाई और स्थानीय वेनेज़ुएलन मुसलमान भी शामिल हैं। यह समुदाय अर्थव्यवस्था, राजनीति और शिक्षा सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रहे है।
हलाल अर्थव्यवस्था:
देश में हलाल उत्पादों के प्रमाणीकरण और निर्यात के माध्यम से “हलाल इंडस्ट्री” को तेज़ी से बढ़ावा दिया जा रहा है।
राजनीतिक संबंध:
ईरान और तुर्की के साथ सरकारी संबंधों के कारण मुस्लिम समुदाय की राजनीतिक दृश्यता में वृद्धि हुई है, और सरकार की ओर से ईद और रमज़ान के अवसर पर आधिकारिक संदेश भी जारी किए जाते हैं।
निष्कर्ष:
वेनेज़ुएला में इस्लाम का सफ़र ग़ुलामी और हिजरत से शुरू होकर एक सशक्त, गतिशील और प्रभावशाली समुदाय के गठन तक पहुँचा है। यह समुदाय अपनी मेहनत, पारिवारिक एकजुटता और व्यावसायिक समझदारी के बल पर देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है और राष्ट्रीय विकास में सक्रिय योगदान दे रहा है।
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