हौज़ा/मुहर्रम उल हराम की आमद पर नजफ अशरफ,हरम ए इमाम अली अ.स. की दीवारों और शहर में काले परचम लगा दिए गए हैं हर तरफ शोक का माहौल हैं।
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इत्रे क़ुरआनः
सूर ए बकरा: धर्म के दुश्मनों से लड़ना अल्लाह की नजर में सबसे बड़े गुणों में से एक है
हौज़ा / शहीद ज़िंदा हैं, लेकिन विचार इस मामले को समझने में असमर्थ हैं। ब्रह्मांड में ऐसे तथ्य भी हैं जो मानव विचारों और चेतना से परे हैं।
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सहीफ़ा-ए सज्जादिया रूह और फ़िक्र को मज़बूत बनाती हैं
हौज़ा / सहीफ़ा ए सज्जादिया की सभी दुआएं ऐसी हैं हमें मौत की याद दिलाती हैं, हमें ग़लतियों से रोकती हैं।
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इत्रे क़ुरआनः
सूर ए बकरा: गुनाहगारों पर अल्लाह की लानत उन्हें तौबा करने से नहीं रोकती
हौज़ा | जो लोग धार्मिक तथ्यों को छुपाते हैं, यदि वे पश्चाताप करते हैं, तो वे अल्लाह के अभिशाप से छुटकारा पा सकते हैं और उनकी दया के पात्र हो सकते हैं।
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बच्चों की तबीयत:
दीनी ऐतबार से हम अपने बच्चे की तबीयत कैसे करें?
हौज़ा/बच्चे बेनज़्म होते हैं,और घर में हर चीज़ फैलाए रहते हैं, नाराज़ होने की ज़रूरत नहीं हैं,अक्सर हमारे बच्चे रचनात्मक क्यों नहीं होते क्योंकि हम बच्चों…
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:अहम ख़ुतबे
अमरीकी मानवाधिकार का अफ़साना
हौज़ा/अमरीकी अधिकारी जो यह दावा करते हैं कि ईरान एटमी हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है, वो अच्छी तरह जानते हैं कि वह झूठ बोल रहा हैं। जो लोग भाषणों में…
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इत्रे क़ुरआनः
सूरा ए बकरा: नेक कामों के बिना ईमान और बिना ईमान के नेक कामों का इनाम नहीं मिलेगा
हौज़ा / जो लोग इस्लाम के पैगंबर (स) पर विश्वास करते हैं और अच्छे कर्म करते हैं, वे जन्नत के लोग हैं और उसमें हमेशा रहेंगे।
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दरस-ए-अख़लाक़:
बुरा अख़्लाक़,अच्छे अमल को ख़राब करता हैं
हौज़ा/कुछ लोग अच्छे इंसान होते हैं लेकिन उनका अख़्लाक़ बुरा होता है घर में बीवी बच्चों के साथ लोगों के साथ बुरा अख़्लाक़ अपनाते हैं, उनके कर्म अच्छे होते…
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शरई अहकम:
ग़ैर सैय्यद का कफ्फारह सैय्यद को देना
हौज़ा/कोई हर्ज नही हैं,एहतीयत ए मुस्तहब, इस काम से इज़तेनाब करना हैं।
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इत्रे क़ुरआनः
सूर ए बकरा: अल्लाह तआला से गैर माबूदों की मुहब्बत और दोस्ती कुफ्र की निशानी है
हौज़ा | भावनाएँ विश्वासों से जुड़ी हैं। अत्याचारी अल्लाह तआला की शक्ति से बेखबर हैं।
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