۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/कोई हर्ज नही हैं,एहतीयत ए मुस्तहब, इस काम से इज़तेनाब करना हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।


सवाल: सैय्यद को ग़ैर सैय्यद के रोज़े का कफ्फारह देने का क्या हुक्म है?


उत्तर: कोई हर्ज नही हैं,एहतीयत ए मुस्तहब, इस काम से इज़तेनाब करना हैं।

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