हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली खामेनेई ने कहां,अच्छे अख़लाक़, अच्छे व्यवहार के बारे में कितनी रिवायतें हम सब जानते हैं! घर में अच्छा अख़लाक़, बीवी के साथ, बच्चों के साथ, माँ-बाप के साथ, दफ़्तर में, साथियों के साथ, पब्लिक प्लेस में, आम लोगों के साथ।
इसके मुक़ाबले में बुरा अख़लाक़, त्योरियां चढ़ाना, दुर्व्यवहार वग़ैरह आते हैं। कुछ लोग, अच्छे इंसान होते हैं लेकिन उनका अख़लाक़ बुरा होता है, घर में बीवी बच्चों के साथ, लोगों के साथ बुरा अख़लाक़ अपनाते हैं, उनके कर्म अच्छे होते हैं लेकिन उनका अख़लाक़ बुरा होता है।
कुछ औरतें कभी कभी मुझ से शिकायत करती हैं, मुझे ख़त लिखती हैं मिसाल के तौर पर मेरा शौहर अच्छा धार्मिक स्टूडेंट है, पढ़ाकू भी है लेकिन बदअख़लाक़ है, घर में बुरे अख़लाक़ से पेश आता है, या मेरा शौहर रिव्लूशरनी गार्ड का मेंबर है, तो रिव्लूशनरी गार्ड का मेंबर होना अच्छी बात है, अल्लाह के रास्ते का मुजाहिद है, लेकिन उसका अख़लाक़ बुरा है, तो यह बहुत बड़ा ऐब है।
यह बुरा अख़लाक़, उन कर्मों को जो आप ईमान के साथ करते हैं, ख़राब करता है, खोटा करता है। अच्छा अख़लाक़ बहुत बड़ी नेमत, बहुत बड़ी भलाई है।
इमाम ख़ामेनेई,