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अगर कोई हज़ार साल भी ज़िंदा रहे, तो उसका नतीजा क्या होगा?
हौज़ा/ हज़रत दाऊद (अ) ने पैगम्बर हिज़क़ील से बातचीत में दुनिया की नश्वरता का एक कड़वा सबक सीखा और घमंड व भौतिक आसक्ति से बचने की सलाह दी।
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करामत ए हज़रत मासूमा स.ल.;ने आयतुल्लाह मरशी नजफी की ज़िंदगी को गरीबी से राहत दी
हौज़ा / आयतुल्लाह सैयद शाहाबुद्दीन मरशी नजफी ने अपनी ज़िंदगी के एक चमत्कारिक वाक़िए का ज़िक्र किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे हज़रत फातिमा मासूमा (स.ल.) की बरकत और उनके प्रति श्रद्धा के कारण वे अपनी मुश्किलों और गरीबी से बाहर निकले।
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इमाम सादिक़ (अ) की करामत और हज़रत मासूमा (अ) की ज़ियारत की खुशखबरी
हौज़ा / कभी-कभी इलाही नेमतो की जड़ें अनंत काल तक पहुँच जाती हैं। इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने स्वयं यह खुशखबरी दी थी कि उनके पुत्र हज़रत मूसा काज़िम (अ) के गर्भ से एक कुलीन महिला का जन्म होगा, जिसका दरगाह ईमान वालों के लिए एक शरणस्थली और आश्रय बनेगा। यही वह परंपरा है जो हज़रत मासूमा (स) के अनगिनत चमत्कारों को भी उजागर करती है।
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विद्वानो के वाक़ेआतः हज़रत मासूमा (स) की करामत; आयतुल्लाह मरअशी नजफी को गरीबी से…
हौज़ा/ आयतुल्लाह सय्यद शहाबुद्दीन मरअशी नजफी अपने जीवन की एक अद्भुत घटना का वर्णन करते हैं, कि कैसे हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स) के दान से उन्हें कठिनाइयों और गरीबी से मुक्ति मिली।
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बच्चों के लिए बहुत अधिक टीवी देखने के नुकसान
हौज़ा / कई शिक्षा एवं प्रशिक्षण विशेषज्ञों ने बच्चों और युवाओं द्वारा अत्यधिक टीवी देखने के हानिकारक प्रभावों और नुकसानों पर प्रकाश डाला है।
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24 रबीअ उल अव्वल 1447 - 17 सितम्बर 2025
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 24 रबीअ उल अव्वल 1447 - 17 सितम्बर 2025
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इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम की नज़र में चोरों की किस्म
हौज़ा / हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में चोर कितने प्रकार के होते हैं बयान फरमाया है।
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भारतीय विद्वानों की महान विरासत को दुनिया तक पहुँचाना समय की माँग है
हौज़ा/ भारत में सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि, हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन अब्दुल मजीद हकीम इलाही ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय विद्वानों ने सदियों से इस्लाम के स्पष्ट धर्म की सेवा और विद्वानों की विरासत की रक्षा में अद्वितीय बलिदान दिए हैं, और आज समय की माँग है कि इस महान विरासत को नई पीढ़ी और पूरी दुनिया तक पहुँचाया जाए।
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क़ुम की वो शाहज़ादी, जिसकी ज़ियारत का फल जन्नत और क़यामत के दिन सिफ़ारिश की शुभ सूचना…
हौज़ा / मासूमीनीन (अ) के अनुसार, हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स) की ज़ियारत स्वर्ग की गारंटी है। वह एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने अपनी उपासना, भक्ति और सिफ़ारिश के पद के कारण शिया धर्म के इतिहास में एक अद्वितीय स्थान प्राप्त किया है।
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माता-पिता का बुढ़ापा;और औलाद का इम्तिहान
हौज़ा / ज़िन्दगी के उतार-चढ़ाव में एक ऐसा दिन आता है जब माता-पिता की आँखों की रौशनी कम पड़ जाती है, हाथ काँपने लगते हैं और कदम लड़खड़ा जाते हैं। वही माता-पिता जिन्होंने बचपन में हमें चलना सिखाया, खिलाया, सँवारा और बार-बार कहानियाँ सुनाकर खुश किया, अब चाहते हैं कि हम उन्हें सहन करें, समय दें और उनकी कमज़ोरियों को हँसी या गुस्से का कारण न बनाएं। यह वास्तव में हमारी शुक्रगुज़ारी की परीक्षा है कि हम बचपन में उनके एहसानों का बदला कैसे चुकाते हैं।
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दुआ की कबूलियत के लिए दो महत्वपूर्ण शर्तें
हौज़ा / हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में दुआओं की क़बूलियत की शर्तें को बयान फरमाया हैं।
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23 रबीअ उल अव्वल 1447 - 16 सितम्बर 2025
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 23 रबीअ उल अव्वल 1447 - 16 सितम्बर 2025
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अगर खुदा सब कुछ पहले से जानता है फिर अख्तियार का क्या मतलब है?
हौज़ा / सदियों से फ़लसफ़ीयों और इल्म ए क़लाम के जानकार इस सवाल पर विचार करते आए हैं अगर खुदा सबसे पहले से हर चीज़ जानता है, तो फिर इंसान की आज़ादी और इख़्तियार का क्या मक़ाम रहता है? क्या ईश्वर के पहले से जानने का मतलब यह है कि हमारे पास अपनी मर्जी और चुनाव की कोई गुंजाइश नहीं बचती?
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22 रबीअ उल अव्वल 1447 - 15 सितम्बर 2025
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 22 रबीअ उल अव्वल 1447 - 15 सितम्बर 2025
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ग्रेटर इज़राइल योजना; धार्मिक मान्यताओं से राज्य नीति तक का सफ़र
हौज़ा/ मुस्लिम जगत का दृढ़ विश्वास रहा है कि इज़राइली नेतृत्व ने धार्मिक भविष्यवाणियों और ऐतिहासिक दावों के आधार पर ग्रेटर इज़राइल के निर्माण के लिए अपनी प्राथमिकताएँ निर्धारित की हैं। इसीलिए यह स्तंभ इस तथ्य पर प्रकाश डालता है कि अब बात केवल चिंताओं की नहीं, बल्कि एक स्पष्ट और ठोस नीति की है जिसका मुस्लिम देशों को एकजुट होकर जवाब देना होगा। अरब लीग, ओआईसी और अन्य क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की बैठकों में इस योजना के खिलाफ आवाज़ उठाना अब पर्याप्त नहीं है, बल्कि अब व्यावहारिक कदम, संयुक्त नीति-निर्माण और कूटनीतिक दबाव अनिवार्य हो गए हैं।
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रूहानी इच्छाओं की पूर्ति में बाधाएं कहाँ हैं?
हौज़ा / मशहूर आरीफ और धार्मिक विद्वान शेख नख़ूदकी इस्फ़हानी ने आध्यात्मिक साधना में दो महत्वपूर्ण सिद्धांतों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि अक्सर लोग इसी वजह से अपनी आध्यात्मिक मंज़िलें हासिल नहीं कर पाते कि या तो वे अपने चुने हुए रास्ते के बारे में भरोसा नहीं करते, या फिर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में लापरवाही करते हैं।
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अच्छी फ़ैमिली के बिना समाज तरक़्क़ी नहीं करता
हौज़ा / हम मैदान में अच्छी फ़ैमिली के बिना तरक़्क़ी मुमकिन नहीं है, इसलिए समाज के लिए अच्छी फ़ैमिली ज़रूरी है।
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इमाम अली (अ) और हक़ीक़ी ईमान के चार ज़रूरी स्तंभ
हौज़ा / इमाम अली (अ) ने नहजुल बलाग़ा की हिकमत संख्या 31 में फ़रमाया है कि ईमान चार स्तंभों पर आधारित है: सब्र, यक़ीन, इंसाफ़ और जिहाद।
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नर्क की यातना से सुरक्षित रहने का उपाय
हौज़ा/ इमाम मुहम्मद बाकिर (अ) ने एक रिवायत में नर्क की यातना से सुरक्षित रहने और अल्लाह की दया प्राप्त करने का मार्ग बताया है।
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21 रबीअ उल अव्वल 1447 - 14 सितम्बर 2025
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 21 रबीअ उल अव्वल 1447 - 14 सितम्बर 2025