हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान के धार्मिक मदरसो के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी के एक पत्र के जवाब में, कैथोलिप पोप फ्रांसिस ने इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.व.) के अपमान किए जाने पर चिंता व्यक्त की।
विवरणों के अनुसार, ईरान के धार्मिक मदरसो के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने ईसा मसीह के जन्मदिवस के अवसर पर दुनिया के कैथोलिक नेता पोप फ्रांसिस को बधाई देते हुए एक पत्र लिखा था। और उस पत्र मे विश्व की वर्तमान स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए थे।
आयतुल्लाह अराफी के पत्र के जवाब में वेटिकन के प्रधानमंत्री कार्डिनल पेट्रो परोलिन ने ईसाइयों के विश्व नेता पोप फ्रांसिस की ओर से लिखा:
श्रीमान की सेवा में नमस्कार!
श्रीमान ने हजरत मोहम्मद के किए जाने वाले अपमान, घृणा और वैश्विक स्तर पर विभिन्न समाचार पत्रो, लेखको और राजनीतिक हस्तियो के विचारो से संबंधित पोप फ्रांसिस को सूचित किया है।
पोप फ्रांसिस ने आपके पत्र को पूर्ण रूप से अध्धन के पश्चात, उन्होंने मुझे इन अपमानजनक बयानों, घटनाओं और धार्मिक हस्तियों, संस्थाओं और विश्वासों के अपमान पर अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए कहा।
जैसा कि पोप फ्रांसिस ने "फ्रेटली टोटी" के एनसाइक्लोपीडिया में लिखा है कि जब कट्टरपंथी असहिष्णुता के विभिन्न रूप विभिन्न लोगों, समूहों और राष्ट्रों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचा रहे हो, तो हमें एक-दूसरे का सम्मान करना होगा और महत्व देना होगा। हमें जीवन जीने और सिखाने के लिए प्रतिबद्धता बनानी होगी। हमारा विश्वास (अक़ीदा) मतभेदों को पार करना है और प्रत्येक व्यक्ति के कर्मों, विश्वासों और यहां तक कि पापों की महानता को प्राथमिकता देना है।
इस अवसर पर, पोप फ्रांसिस और स्वयं की ओर से, मैं आपकी ओर से अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
वेटिकन के प्रधान मंत्री कार्डिनल पेट्रो परोलिन की ओर से ईरान के मदरसा के प्रमुख अयातुल्ला अली रज़ा आरफ़ी के नाम!