शनिवार 6 मार्च 2021 - 07:06
पोप फ्रांसिस की शिया जगत के महान नेता आयतुल्लाहिल उज़मा से मुलाक़ात शांति और सुलह के क्षेत्र मे मील का पत्थर 

हौज़ा / एक ओर जहा धर्म-विरोधी, बुद्धिजीवीयो के माध्यम से धर्मों से हटाने का प्रयास तो दूसरी ओर दो विचारधाराओ के दो स्कूलों के महान नेताओं की आपसी मुलाक़ात से बढ़ती दूरियों को कम करने में मदद मिलेगी, वही सभी धार्मिक विरोधी बुद्धिजीवियों के सभी प्रयास विफल करने का बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, मदरस-ए-हैदरिया के उप प्रधानाचार्य और शिक्षक हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना मिनल रज़ा खैराबादी ने कहा कि इराक की पवित्र भूमि पर शिया जगत के महान नेता आयतुल्लाह सिस्तानी के साथ पोप की मुलाक़ात मौजूदा स्थिति में बहुत महत्वपूर्ण है। एक ओर जहा धर्म-विरोधी, बुद्धिजीवीयो के माध्यम से धर्मों से हटाने का प्रयास तो दूसरी ओर दो विचारधाराओ के दो स्कूलों के महान नेताओं की आपसी मुलाक़ात से बढ़ती दूरियों को कम करने में मदद मिलेगी, वही सभी धार्मिक विरोधी बुद्धिजीवियों के सभी प्रयास विफल करने का बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी।

मौलाना ने कहा कि यह कार्यक्रम इंटरफेथ समारोह आन्दोलन के लिए एक दूसरे की समानता को मजबूत करने और समझने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह मुलाक़ात बहुत अच्छी है शिया और ईसाई जगत के साथ-साथ यूरोप में आधारहीन प्रचारो की क़लई खुलती नजर आ रही है क्योंकि शिया जगत के महान नेता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आप हमारा हिस्सा हैं और हम आपका हिस्सा हैं .۔ यह आपसी समझ और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर साबित होगा। दुश्मन की इस्लामिक विरोधी हरकतों की हवा निकल जाएगी।

अंत में, उन्होंने कहा कि यदि आज इस्लाम और ईसाई जगत अपने धर्म के सही संविधान और कानूनों के अनुसार रहती है और मानवता के आम संदेश का पालन करती है जिस पर दोनों धर्मों में दृढ़ता से जोर दिया है, तो दुनिया मे शांति और सद्भाव होगा। भाईचारे का माहौल बनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न धर्मों के अनुयायी एक साथ शेर की तरह रहेंगे और किसी को भी कोई दर्द महसूस नहीं होगा। यह बैठक शांति और सुलह मे मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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