۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा /इमाम अली(अ.स.) ने एक रिवायत में ,माहे शाबान,,में रोज़ा रखने की तरफ इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "खिसाल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام العلی علیہ السلام:
صَومُ شَعبانَ يَذهَبُ بِوَسواسِ الصَّدرِ وَ بَلابِلِ القَلبِ

 

हज़रत इमाम अली(अ.स.)ने फरमाया:
माहे शाबान का रोज़ा दिल के वल्वासे और रूह वो जान की चिंताओं को खत्म कर देता है।

अलखेसाल, पेंज 612

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