हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " शरहे ग़ेररूल हिकम " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام العلی علیہ السلام:
اَلْمُنْصِفُ كَثيرُ الاَْوْلِياءِ وَالاَْوِدّاءِ
हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने फरमाया:
इंसाफ करने वाले लोगों के अधिक दोस्त और रिश्तेदार होते हैं।
रहे ग़ेररूल हिकम, भाग 2, पेंज 543