रविवार 25 अप्रैल 2021 - 03:59
औक़ाफ़ के मुतावल्लियो ने दुसाहसि वसीम रिज़वी के पक्ष में मतदान करके साबित कर दिया कि उनकी नजर मे कुरान और अहलेबेैत (अ.स.) का कोई महत्व नहीं हैं।

हौज़ा / मजमा-ए उलेमा खुतबा की तमाम खुतबा, मोमेनीन, अंजुमनो और धार्मिक संस्थाओं से अपील करता है। कि सब मिलकर एक साथ विरोध करे उनका सामाजिक बहिष्कार हो। उन्हें मस्जिदों, इमामबाड़ों और अन्य धार्मिक केंद्रों और संस्थानों से दूर रखा जाए। उन्हें किसी भी तरह के कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाए, उनके यहां किसी मजलिस या महफिल को संबोधित नहीं किया जाए। उनकी देखरेख में किसी भी प्रकार का कोई चंदा न दिया जाए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मजमा-ए उलेमा खुतबा मुंबई ने उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के चुनाव में औक़ाफ के मुतवल्लियो का वसीम मलऊन के समर्थन में अपने वोट के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करते हुए उनके खिलाफ विरध और सामाजिक बहिष्कार की अपील की है।

अपील का पूरा पाठ इस प्रकार है:

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम

शिया वक्फ बोर्ड के चुनाव में, औक़ाफ़ के मुतवल्लियो ने शापित वसीम के समर्थन में अपने मत का इस्तेमाल किया ताकि यह साबित किया जा सके कि उनकी नजर मे कुरान और अहलेबेेत का कोई महत्व नहीं है।

इसलिए, ऐसे पाखंडी लोगों के लिए, मजमा-ए उलेमा खुतबा की तमाम खुतबा, मोमेनीन, अंजुमनो और धार्मिक संस्थाओं से अपील करता है। कि सब मिलकर एक साथ विरोध करे उनका सामाजिक बहिष्कार हो। उन्हें मस्जिदों, इमामबाड़ों और अन्य धार्मिक केंद्रों और संस्थानों से दूर रखा जाए। उन्हें किसी भी तरह के कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाए, उनके यहां किसी मजलिस या महफिल को संबोधित नहीं किया जाए। उनकी देखरेख में किसी भी प्रकार का कोई चंदा न दिया जाए। उनके खिलाफ हर संभव कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। विशेष रूप से, उलेमा और ज़ाकिरों से अनुरोध है कि वे नमाज़े जुमा के खुतबो, मजलिसो और सम्मेलनों में उनके विश्वासघात को उजागर करें और लोगों को धर्म और धार्मिक पदों के महत्व और जिम्मेदारी से अवगत कराएं।

साथ ही, हम ईमानदारी से उन ट्रस्टियों का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने इस शापित व्यक्ति को वोट न देकर अपनी धर्मनिष्ठा और दृढ़ विश्वास को साबित किया है।

वस्सलाम

मजमा-ए उलेमा खुतबा, मुंबई 

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha