हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के रिपोर्टर से बात करते हुए इमामे जुमा हसनाबाद ने कहा कि जब से इमाम खुमैनी ने कुदस दिवस को मजलूम के समर्थन मे मुसलमानों को विरोध करने का आदेश दिया है, कश्मीर में कुदस दिवस पर महान विरोध प्रदर्शन रैलियाँ आयोजित की गई हैं। लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के मद्देनजर कुदस दिवस पर प्रोटेस्ट रैलियाँ आयोजित नहीं की जा सकती हैं। इसलिए, मजलिस उलेमा इमामिया जम्मू-कश्मीर ने इस विरोध को सड़कों से सोशल मीडिया तक ले जाने का फैसला किया, क्योंकि यह उत्पीड़ितों के समर्थन का दिन है, हम भी सोशल मीडिया के माध्यम से समर्थन की आवाज उठा सकते हैं।
इसलिए युवाओ से अनुरोध किया गया कि वे शुक्रवार को इमाम राहिल की आवाज़ पर जवाब देते हुए 24 रमजान 1442 अर्थात 7 मई 2021 को सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक , सोशल मीडिया पर वैश्विक पीड़ितो के समर्थन में विरोध प्रदर्शनों का एक तूफान उठाया जाए और हजारों पीड़ितों के समर्थन में पोस्ट में उल्लिखित हैशटैग का उपयोग करें।
#FromKashmirToPalestine
उल्लेखनीय है कि मजलिस उलेमा-ए-इमामिया ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभिन्न भाषाओं में बड़ी संख्या में बैनर, पोस्टर, क्लिप आदि तैयार किए हैं।